इन दिनों देश में साल 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी चल रही है. 17 अप्रैल की शाम करीब 102 सीटों पर चुनाव प्रचार थम गया. 19 अप्रैल को इन सीटों पर वोटिंग होनी है. अप्रैल में शुरू हो रही ये वोटिंग की प्रक्रिया मई के महीने में पूरी हो जाएगी और 4 जून को नतीजे घोषित होंगे.
ऐसे में बीजेपी, कांग्रेस के अलावा सभी राजनीतिक दल चुनाव जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं. लोकसभा चुनाव को लेकर विंध्य फर्स्ट ने सपाक्स पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरालाल त्रिवेदी से खास बातचीत की है. पढ़िए इंटरव्यू के कुछ खास अंश
सवाल: 2018 में गठित हुई सपाक्स पार्टी की साल 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर क्या रणनीति है?
जवाब:जिस वक्त सपाक्स पार्टी का गठन हुआ उस वक्त 2-3 अलग-अलग प्रदर्शन चल रहे थे. जैसे अधिकारियों, कर्मचारियों का मूवमेंट चल रहा था पदोन्नति में आरक्षण के विरुद्ध, दूसरा था एट्रोसिटी एक्ट के विरुद्ध, क्योंकि 2016 में मोदी सरकार ने उसमें अमेडमेंट करके साधारण अपराधों को भी गैर जमानती बना दिया था. जिससे देश की जनता पर 80 प्रतिशत मुकदमें फर्जी दर्ज होने लगे. जिससे जनता परेशान थी, उस समय लोगों में अलग तरह का उबाल था और हमने ऐसे मुद्दों को प्राथमिकता दी.
2023-24 में स्थितियां परिवर्तित हुई हैं. फिर इसबार जो लोगों के मुद्दे थे उन्हें हमने अपने चुनाव प्रचार में प्राथमिकता दी. जैसे अभी भाजपा बात कर रही है समान सिविल कोड की, लेकिन हम बात कर रहे हैं समान कानून की. सिर्फ सिविल कोड ही क्यों क्रिमिनल कोड भी समान होना चाहिए. एट्रोसिटी जैसे काला कानून जो हैं जिनमें साधारण अपराध भी गैर जमानती हैं उन्हे जमानती होना चाहिए. ताकि पीड़ित वर्ग के साथ न्याय हो और झूठे मुकदमें दर्ज न हों. लोकसभा चुनाव को लेकर हमारे मुद्दे और रणनीति एकदम स्पष्ट हैं. आर्थिक आधार पर लोगों को आरक्षण मिलना चाहिए.
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