फलों का राजा आम को कहा जाता है. आम को राष्ट्रीय फल का दर्जा प्राप्त है. गर्मी का मौसम आते ही हर किसी की जुबान में आम का नाम सबसे ज्यादा आता है. वैसे तो आम के कई उपयोग हैं, चटनी बनाने से लेकर अचार, आम पापड़ और पके हुए आम खाने का स्वाद लाजवाब होता है. आम के बगजा का स्वाद तो हर किसी को याद ही होगा. लेकिन यह तो तब संभव है जब पेड़ में आम बचेंगे. दरअसल, इस बार आम के पेड़ में लासी नाम की बीमारी लग गई है. बढ़ते तापमान से रोग का प्रकोप बढ़ गया है.
इन पौधों में बौर आई थी तो लगता था कि मानो हर पेड़ में 10 से 12 क्विंटल आम लगेगा. लासी लगने से आम टूट कर गिर रहे हैं. आम के पेड़ों में अब गितनी के ही फल बचे हुए हैं. किसानों के लिए आम एक ऐसी फसल है जिसमें किसी तरह का निवेश नहीं करना पड़ता है लेकिन इस बार आम की फसल खराब होने से किसानों की कमर टूट गई है. गर्मी के सीज़न में किसानों की आमदनी का मात्र एक साधन आम ही होता है. फरवरी और मार्च में हुई बारिश से किसानों को उम्मीद थी कि इस बार आम अच्छे आएंगे, लेकिन समय के साथ वह उम्मीद भी टूटती जा रही है.
क्यों झड़ते हैं फल
मुख्य रूप से जब थोड़ा सा भी मौसम में परिवर्तन होता है तो उस समय कीड़े ज्यादा अटैक करते हैं. और उसका जो चिपचिपा पदार्थ निकलता है उसके पत्तियों पर पड़ने से फोटोसिंथेटिक एक्टिविटी होन बंद हो जाती है. इसलिए इसके प्रभाव से फल झड़ने भी है और फल की साइज भी छोटी होती है.
इस दवा का करें छिड़काव
इसके निदान के लिए एक रोगर दवा आती है. इसको पानी के घोल में मिलाकर छिड़काव करना होता है. इसी तरह घड़ी निरमा या फिर सर्फ के भी घोल का इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे पेड़ में लगी लासी धुल जाती है और फोटोसिंथेसिस एक्टिविटी अच्छी होने लगती .है फल का साइज बढ़ने लगता है और क्वालिटी भी इंप्रूव होती है.