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Media Scan: 16 अक्टूबर की मुख्य खबरें हैं शिक्षा से जुड़ी हुई और कागजों में दौड़ते स्वच्छता अभियान की

मीडिया स्कैन विंध्य फर्स्ट का एक खास कार्यक्रम है, जिसमें हम विभिन्न अखबारों की खबरों का विश्लेषण करते हैं और आपको बताते हैं कि विभिन्न क्षेत्रों में क्या खबरें महत्व की हैं. साथ ही में राष्ट्रीय,अंतरराष्ट्रीय,राज्य स्तर की खबरों का जिक्र भी हम करते हैं. इसके अलावा खेल और कार्टून्स भी हमारे ध्यान में होते हैं. इस कार्यक्रम के माध्यम से आपको सारे मुख्य अखबारों की मुख्य खबरें एक ही जगह पर मिल जाती हैं.

विंध्य क्षेत्र के उमरिया से शिक्षा की खबर है जिसमें बताया गया है कि किस तरह से शिक्षा विभाग में गोलमाल है.शासकीय हाई स्कूल लालपुर का एक मामला सामने आया है जहां हाईस्कूल की शिक्षिका को नियम के विरुद्ध डीसी ने वार्डन के पद पर बैठा दिया. सबसे पहली बात तो बालक छात्रावास में महिला को वार्डन बनाने का कोई तुक नहीं बनता, वहीं अगर ये हो भी जाए तो उसके लिए सबसे पहले प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाती है. इसके बाद मिडिल स्कूल के शिक्षकों की पात्रता है और अगर ऐसा नहीं हुआ तो पहले प्राथमिक और मिडिल शिक्षकों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने के बाद ही हाई स्कूल के शिक्षकों को वार्डन बनाया जाता है. लेकिन डीसी ने इन नियमों को बिल्कुल भी ध्यान में नहीं रखा.

शिक्षा से जुड़ी हुई एक अन्य महत्वपूर्ण खबर रिसर्च बेस्ड है. जिसमें बताया गया है कि रीवा जिले में अशिक्षितों को साक्षर करने के लिए जो अभियान चलाया जा रहा था उसकी स्थिति डामाडोल है. इस प्रोग्राम के लिए करोड़ों रुपए भी खर्च कर दिए गए लेकिन जिले में 27577 लोग अभी भी निरक्षर रह गए हैं. 22 साल पहले जिले निराक्षरों को साक्षर बनाने के लिए भारत सरकार ने साक्षरता अभियान चलाया था जिसके अंतर्गत 14 साल से ऊपर के लोगों को साक्षर करने का अभियान चलाया गया था लेकिन यह सफल नहीं हो पाया.

अभियान की क्रोनोलॉजी की बात करें तो 2000 में पढ़ना लिखना अभियान की शुरुआत हुई उसके बाद वर्ष 2014 से 18 के बीच साक्षर भारत अभियान की शुरुआत हुई. 2021 में पढ़ना लिखना अभियान की शुरुआत हुई और 8 सितंबर 2022 से नवभारत साक्षरता अभियान की शुरुआत हुई. 2011 में जनगणना के आधार पर चिन्हित 923349 असाक्षरो को लेकर साक्षर भारत योजना की शुरुआत की गई थी और यह अभियान 2018 तक चला था.

अगली खबर है ग्राम पंचायत गढ़वा की जहां स्वच्छता अभियान की बदहाली देखी जा रही है और किस तरह से कागजों पर यह अभियान चल रहा है. उसकी पोल खुलती है.गंगेव अंतर्गत गुढ़वा के सरपंच और सचिव इलाके में फैली गंदगी की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं.साथ ही में मोहल्ले की सड़क इतनी खराब है कि आमजन पैदल चल नहीं पा रहे हैं. या तो शौचालय बने नहीं है या जो शौचालय बने हैं उनकी भी मरम्मत नहीं करवाई गई है और वह क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

यहां राशि के बंदरबांट का मामला सामने आया है जहां तय समय के बाद भी निर्माण नहीं हुआ है. ग्राम पंचायत अंतर्गत भोली गांव के चबूतरे के निर्माण के लिए 2 लाख 85 हजार रुपए की राशि स्वीकृत की गई थी, जो बनकर तैयार अभी तक नहीं हुआ है.

साथ ही में यहां लंबे समय से सड़क जर्जर है. बताया जा रहा है कि सड़क, ग्रेवल रोड पुलिया और स्कूलों की भी स्थिति खराब है. राशि लगाई गई लेकिन फिर भी गुणवत्ता विहीन सामग्री लगाकर काम को पूरा दिखाया जा रहा है. निर्माण हुई सड़क 6 महीने के अंदर उखड़ने लगी जिसको लेकर गांव वालों ने शिकायत भी की लेकिन अधिकारियों ने इस पर कोई कार्यवाही नहीं की. अगली खबर है सिंगरौली की जहां सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने पर निवास पुलिस ने शिकायतकर्ता की पिटाई कर दी.

पोड़ी निवासी युवक ने गंभीर आरोप लगाया है जिसको लेकर एसपी से शिकायत की गई है. आरोपी एएसआई पर नशा कारोबारी के साथ साथ गांठ होने का आरोप भी लगाया जा रहा है. बताया जा रहा है कि यह थाने के पास ही रहता है और लोगों पर अपनी वर्दी का रौब जमाता है. वहीं कल के अखबार में हमने जनेह थाना अंतर्गत दुष्कर्म की एक घटना देखी थी.  रीवा में फिर से ऐसी एक खबर सामने आई है जहां रविवार शाम को घर से निकली 9 साल की बच्ची को पकड़ कर युवक ने दुष्कर्म किया था. जनेह थाने में हुई घटना के आरोपी के घर पर अब बुलडोजर चलाने की बात सामने आ रही है. राजस्व विभाग टीम आरोपी के घर का नाप लगी जिसके बाद मकान को गिराया जाएगा.

लंपी वायरस का कहर फिर से बरप रहा है जहां आधा सैकड़ा पशुओं की मौत हो गई है. वेटनरी विभाग सुस्त है,नेता और प्रशासन चुनाव में व्यस्त है जिस वजह से किसानों पर भारी आफत आ गई है. लक्षणों की बात करें तो लंपी वायरस में पशु की त्वचा पर गांठे बन जाती हैं और गोबर पतला हो जाता है. साथ ही में गांठ में पस जम जाता है जिसके फूटने से पशुओं की मौत हो जाती है. इसको लेकर प्रशासन पूरी तरीके से सुस्त है और किसान बेहद परेशान.

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