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MPPSC Result: नायब तहसीलदार का पद पाने वाली आंचल अग्रवाल बचपन से रही हैं Topper

रीवा जिले की आंचल अग्रवाल

साल 2019 में हुए MPPSC रिजल्ट को लेकर काफी ज्यादा अनियमितताएं रहीं. जिसमें कई ऐसे भी अभ्यर्थी फसे हुए थे, जिनका पेपर तो अच्छा गया था. लेकिन उसके बाद भी उन्हें कामयाबी हांथ नहीं लग पा रही थी. हमेश कोई न कोई आडंगा आ ही जाता था.कभी आरक्षण को लेकर विवाद तो कोई और विवाद जिसके चलते 2019 में हुई परिक्षा का परिणाम 5 सालों तक रुका हुआ था.

अब जब 2023 में विधानसभा चुनाव हो गया उसके बाद एक लम्बे अंतराल से रुका रिजल्ट घोषित किया गया. जिसमें रीवा जिले के कई अभ्यर्थियों का सिलेक्शन हुआ है. इसमें रीवा जिले की रहने वाली आंचल अग्रवाल का भी चयन हुआ है.

आंचल बचपन से ही एक होनहार छात्रा रहीं हैं. उनकी स्कूली शिक्षा सरस्वती जेलमार्ग रीवा से हुई है. जब वो स्कूल में पढ़ रहीं थी तब उनको जबलपुर परिषद द्वारा एक अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. इस पुरस्कार के लिए रीवा जेल मार्ग सरस्वती स्कूल से केवल आंचल अग्रवाल नाम चुना गया था. आंचल अपनी कड़ी मेहनत, ईमानदारी और लगन के चलते हमेशा एक अच्छा मुकाम हासिल की हैं. उनका स्कूल में कक्षा 1से लेकर 12 वीं तक हमेशा 90% से ऊपर रहता है.

आंचल का बचपन से ही सिविल सर्विस की ओर रुझान था. उनका कहना है कि जब वो स्कूल में पढ़ती थीं तब उस समय रीवा में कलेक्टर के पद पर एक महिला पदस्थ थीं जिनका नाम डॉक्टर एमगीता था. जिनको देखकर आंचल और भी अधिक प्रेरणा मिलि थी. आंचल इसे अपनी मंजिल समझ के उसी राह पर चलने की कोशिश करने लगी.

फिर साल 2018 में महिला एवं बाल विकास में सुपरवाइजर के पद पर आंचल चयनित हुई थी. लेकिन उसके बाद भी उन्होने अपने सपने को कायम रखा और उसी के पथ पर लगातर चलती रहीं. कहते हैं कि अगर कुछ कर गुजरने की आपके अन्दर चाहत है तो हर मुस्किल आसान हो जाती है. ठीक उसी तरह आंचल ने भी कर दिखाया है. आंचल MPPSC 2019 की परीक्षा पास कर नायब तहसीलदार के पद पर चयनित हुई हैं. आंचल की शादी भी हो चुकी है और उनके पति भी नायब तहसीलदार के पद पर उमरिया जिले में पदस्थ हैं. अब आंचल की भी उमरिया में ही पोस्टिंग हुई है. आंचल अपनी सफलता का पहला श्रेय अपनी माता को देती हैं वो कहती हैं कि मेरी मां के बदौलत ही ये सब कुछ संभव हो पाया है.