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MUKESH TIWARI Interview: बघेली फिल्म सिटी की क्यों है जरूरत, जानिए किन लोकेशन पर हो सकता है शूट

फिल्में (FILM) समाज का आईना होती हैं. इन फिल्मों के निर्माण में सबसे प्रमुख भूमिका कैमरे के पीछे रहने वाले DOP की होती है. विंध्य और रीवा में फिल्म निर्माण की काफी संभावना है. एक DOP की नजर से रीवा (REWA) और सीधी (SIDHI) में कौन सी लोकेशन हैं इस बारे में मुकेश तिवारी (MUKESH TIWARI) ने विंध्य फर्स्ट को दिए अपने एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बताया. मुकेश तिवारी ने पिछले दो दशक में कैमरे के पीछे रहकर महाराणा प्रताप का धारावाहिक और छत्रसाल जैसी वेब सिरीज शूट की है. अभी हाल ही में फेक ब्यायफ्रेंड (Fake Boyfriend) में काम किया है.

सवाल – आप हमेशा कैमरे के पीछे रहते हैं, कभी मन नहीं करता कि मै भी लीड़ एक्टर के तौर पर काम करूं.
जवाब – मुझे कैमरे से बहुत प्रेम है. मैं कैमरे के पीछे रहकर बहुत एंजॉय करता हूं. जब कभी मन होता है तो रिहर्सल करने के बहाने सामने आकर शौक पूरा कर लेता हूं. लेकिन मैं अपना करियर एक DOP के तौर पर ही रखना चाहता हूं.

सवाल – आपने कब और क्यों सोचा कि सिनेमेटोग्राफी में करियर बनाया जाए.
जवाब – सरकारी नौकरी में होने के कारण पिताजी का हमेशा ट्रांस्फर होता रहता था, लेकिन मुझे नेचर बहुत पसंद था. इसलिए मैने सिनेमेटोग्राफी में करियर बनाने का सोचा. डिप्लोमा करने के बाद मैं मुंबई पहुंचा. शुरुआती दौर में यहां एक कमरे में 10 से 12 लोग रहते थे. करियर बनाने में काफी चैलेंज आए लेकिन मुझे ऐसे चैलेंज पसंद हैं.

सवाल – एक नए फील्ड में करियर बनाने में किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.
जवाब – सिनेमेटोग्राफर के तौर पर काम करना काफी चैलेंजिंग होता है. इसके साथ ही लोगों को समझाना भी काफी कठिन होता है. कई बार लोग DOP, कैमरामैन और सिनेमेटोग्राफर को एक ही समझ लेते हैं. जबकि DOP एक तरह से उस फिल्म का टेक्निकल हेड होता है. लाइट सबसे बड़ा चैलेंज होता है. कई बार दिन में रात जैसा शूट करना होता है. यह काम सिर्फ दो लोग ही कर सकते हैं, या तो भगवान खुद या फिर सिनेमेटोग्राफर.

सवाल – क्या घर वालों ने कभी रोका नहीं की आप इंजीनियर या डॉक्टर बनो.
जवाब – मेरे घर वाले चाहते थे कि मैं डॉक्टर बनूं, खासतौर पर पिताजी. लेकिन 10वीं के बाद ही मैने तय कर लिया था कि मुझे सिनेमेटोग्राफर के तौर पर अपना करियर बनाना है. इसके बाद डिप्लोमा करके मैं मुंबई पहुंच गया.

सवाल – विंध्य को लेकर आप किन योजनाओं पर काम कर रहे हैं.
जवाब – विंध्य में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. अभी हाल ही में एक फिल्म फेक बॉयफ्रेंड आयी है. इसमें रीवा के तनिष्क ने मुख्य भूमिका निभाई है. यहां पर क्योंटी और सोन नदी जैसी कई लोकेशन हैं जहां फिल्म शूट की जा सकती है. अभी एक प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है जिसमें तंत्र मूवी का शूट क्योंटी में किया जाना है. इसके बाद नशे के खिलाफ लड़ने के लिए एक मूवी रीवा और सीधी में शूट होगी.

सवाल – क्या विंध्य के टैंलेट को मुंबई जैसे शहरों में पूरा मौका मिल रहा है.
जवाब – फिल्म इंडस्ट्री में सभी का एक कंफर्ट जोन होता है. नए लोगों के साथ हर कोई रिस्क नहीं लेना चाहता है. ऐसे में टैलेंट होने के बाद भी कई बार मौका नहीं मिल पाता है. विंध्य के लोगों को मौका मिले इसके लिए एक मुहिम की जरूरत है और रीवा में फिल्म सिटी का निर्माण हो.

सवाल – एक नया व्यक्ति जब सपनों के शहर मुंबई पहुंचना है अपने करियर बनाने के लिए, तो किन परिस्थियों का सामना करना पड़ता है.
जवाब – आलसी लोगों के लिए मुंबई नहीं है. इसलिए जिनको मेहनत करनी है वहीं मुंबई जाएं. यहां पर कई बार कई दिनों तक काम में लगे रहना पड़ता है. मुंबई के लोग इस मामले में ज्यादा पंचुअल और बेहतर होते हैं.

सवाल – क्या विंध्य में फिल्म सिटी का निर्माण किया जाना चाहिए.
जवाब – विंध्य में फिल्म सिटी बनाने का प्रयास किया जा रहा है. रीवा में एक बघेली फिल्म सिटी होनी ही चाहिए. इसके लिए बातें हो रही हैं, इसमें सरकार का भी काफी सहयोग मिल रहा है.

सवाल – रीवा और सीधी की वो कौन सी जगहें हैं जहां पर फिल्मों के लिए अच्छी लोकेशन पहले से ही मौजूद हैं.
जवाब – हर स्टोरी की अलग डिमांड होती हैं. यहां क्योंटी है. अब तो आईटी पार्क भी रीवा में बन रहा है. पूरा रीवा बहुत खूबसूरत है. सीधी में सोन नदी का किनारा और शिव मंदिर भी है. यहां की हर लोकेशन ऐसी है कि कैमरा रखो तो अपने आप फ्रेम बन जाता है.

सवाल – आप अभी किन प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं.
जवाब – देवकाली फिल्म इसी साल दीपावली के समय आने वाली है. दूसरी फिल्म यात्रीगण ध्यान दें जनवरी में आएगी. कश्मीर में एक फिल्म शूट हुई है इसका नाम पूर है. रीवा और सीधी में एक फिल्म बनानी है जो नसे के ऊपर है. यहां कम उम्र के युवा नशे की गिरफ्त में हैं.

विंध्य में फिल्म की संभावनाओं को जानने के लिए देखिए पूरा वीडियो.