रीवा शहर विकास के पथ पर लगातार आगे बढ़ रहा है यहां हर चार से पांच किलोमीटर की दूरी पर कोई न कोई आकर्षक जगह घूमने-फिरने के लिए जरूर मिल जाती है. लोग अब रीवा शहर की तुलना झीलों की नगरी भोपाल से करने लगे हैं. रीवा में पहले भी दो बड़े तालाबों का सौंदर्यीकरण हो चुका था. अब तीसरे बड़े तालाब का भी निर्माण कार्य पूरा हो गया है. रतहरा तालाब बनने से रीवा शहर की सुंदरता में चार चांद लगा दी है. इस तालाब का निर्माण 1 किलोमीटर के दायरे में लगभग 3 करोड़ की लागत से किया गया है.
रीवा के रानी तालाब और चिरहुला तालाब के बाद यह तीसरा सबसे बड़ा तालाब है. जिसका सौंदर्यीकरण भी इन्हीं दो तालाबों की तर्ज पर किया गया है. रतहरा तालाब में पानी का स्त्रोत बाणसागर नहर ही है.
इस तालाब को सर्व सुविधायुक्त बनाया गया है जिससे लोगों को यहां आने पर किसी भी तरह की असुविधाओं का सामना न करना पड़े. यहां 15 फूड जोन बनाए गए हैं, इसके अलावा आम जनमानस को टहलने के लिए बेहतरीन फुटपाथ के साथ तालाब के चारों ओर रेलिंग की भी अच्छी व्यवस्था की गई है. साथ ही लोगों के बैठने के लिए जगह-जगह कुर्सियां लगवाई गई हैं.
बच्चों और युवाओं के इंजॉय के लिए तालाब में बोटिंग की भी व्यव्स्थाएं की गई है. इस प्रकार लोग अपनी फ़ैमिली के साथ सुबह-शाम समय व्यतीत करने भी जा सकेंगे. तालाब के पानी में फब्बारा मशीन भी लगाई गई हैं जो हवा चलने पर लोगों के ऊपर पड़ती हैं. तब ऐसा लगता है मानों लोग प्रकृति की गोद में बैठें हों. हालांकि अभी यहां की एंट्री फ़ीस बग़ैरा नहीं तय हुई है.
रतहरा तालाब की खूबसूरती के आगे दिल्ली और गोवा जैसे बड़े शहरों में बने तालाबों की खूबसूरती को मात दे रहा है. इसके रखरखाव और संचालन के लिए टेंडर जारी किया जाएगा.