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सतना की जनता ने सिद्धार्थ कुशवाहा ‘डब्बू’ पर जताया विश्वास, 4041 वोटों से मिली जीत

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मध्य प्रदेश विधान सभा के चुनाव परिणाम घोषित किया जा चुके हैं.विंध्य क्षेत्र के सतना जिले में कांटे की टक्कर देखने को मिली. सतना जिले की 7विधानसभा सीटों में 5 सीटों पर भाजपा को जीत मिली और 2 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली. सतना सीट से भाजपा का प्रत्याशी सांसद गणेश सिंह को बनाया गया था.कांग्रेस की तरफ से सिद्धार्थ कुशवाहा ‘डब्बू’ को प्रत्याशी बनाया गया था.

3 दिसंबर को रिजल्ट सामने आने के बाद सांसद गणेश सिंह को हार का सामना करना पड़ा. गणेश सिंह को 66597 वोट मिले और सिद्धार्थ कुशवाहा को 70638 वोट मिले. दोनों नेताओं के बीच जीत के लिए वोट का अंतर 4041 रहा.


बहुजन समाज पार्टी से उम्मीदवार रहे रत्नाकर चतुर्वेदी ‘शिवा’ तीसरे स्थान में रहे. इन्हें 33567 वोट मिले और 33567 वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा. पहली बार सतना से विंध्य जनता पार्टी के उम्मीदवार रहे हरिओम गुप्ता को1644 वोट मिले और 68994 वोटों से हार का सामना करना पड़ा.

सिद्धार्थ कुशवाहा ‘डब्बू’की उम्र 38 साल की है.2018 के विधानसभा चुनाव में पहली बार सतना के विधायक चुने गए.
2022 में हुए निकाय चुनाव में महापौर पद के लिए भी कांग्रेस की तरफ से प्रत्याशी बनाया गया था लेकिन इस चुनाव हार का सामना करना पड़ा था.

सिद्धार्थ कुशवाहा ‘डब्बू’ के जीतने की सबसे बड़ी वजह यह रही कि राज्य में भाजपा की सरकार होने के बावजूद भी कामों को लेकर आंदोलन करते रहते थे.निरंतर जनता के साथ संपर्क में बने रहना यही कारण है कि सतना की जनता ने एक बार फिर मौका दिया.2018 के विधानसभा चुनाव में12558 वोट से जीत मिली थी.

2018 में कांग्रेस नेता अजय सिंह राहुल की सिफारिश पर सिद्धार्थ कुशवाहा ‘डब्बू’ को सतना से कांग्रेस की तरफ से प्रत्याशी बनाया गया था. सिद्धार्थ कुशवाहा ‘डब्बू’ पर कई बार भाजपा के के लिए काम करने का भी आरोप लगाया गया था.

लेकिन उन्होंने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया . सिद्धार्थ कुशवाहा और अजय सिंह राहुल के रिश्ते ज्यादा खास नहीं रहे. दोनों के बीच अनबन की कई बार खबरें भी मीडिया में सामने आई.ADR के रिपोर्ट के अनुसार सिद्धार्थ कुशवाहा के ऊपर 2 आपराधिक मामले दर्ज हैं.