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विंध्य का गौरव: मां वर्किंग थी इसलिए गीतकार पिता ने संभाला घर, सेल्फ़ स्टडी के दमपर बेटा बन गया लेफ़्टिनेंट

रीवा से कई ऐसे लोग निकले हैं जिन्होनें पूरे देश में विंध्य का नाम रोशन किया है, जिन्हें विंध्य का गौरव भी कहा जा सकता है. इसी लिस्ट में रीवा के शांतनु सेंगर का नाम भी शामिल हो गया है. शांतनु का चयन भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट पद पर हुआ है. शांतनु सुप्रसिद्ध गीतकार सत्येंद्र सेंगर और डॉ. सरिता परिहार के बेटे हैं. शांतनु उन लोगों में से हैं जिन्होंने साबित किया है कि अगर आप जिंदगी में सफल होना चाहते हैं और उसके लिए मेहनत करते हैं तो आपको कोई रोक नहीं सकता. आज के समय में जब बच्चे कोचिंग क्लास में लाखों रुपये फीस भर रहे हैं वहीं शांतनु ने बिना किसी कोचिंग यानी सेल्फ स्टडी के दमपर एग्जाम पास किया है.

शांतनु के बचपन को याद करते हुए उनके पिता बताते हैं कि वो बचपन से ही मन लगाकर पढ़ाई करते थे और हमेशा क्लास में टॉप किया करते थे. पढ़ाई के साथ-साथ शांतनु स्पोर्ट्स में भी काफी अच्छे थे. बचपन में शांतनु ने मां से ज्यादा पिता का साथ समय बिताया है. शांतनु की मां अक्सर नौकरी के सिलसिले में बाहर रहती थीं इसलिए शांतनु पिता के ज्यादा करीब रहे.

शांतनु की मां बताती है कि बचपन से पढ़ने में तेज था और प्रतिभा खोज के कई एग्जाम उसने स्टेट लेवल पर पास किए हैं. और वो हमेशा कहता था कि भले ही इसमें मैं टॉप न कर पाऊं लेकिन मुझे पार्टिसिपेट करना है.

शांतनु की मां कहती हैं कि वर्किंग वुमेन के लिए सबकुछ मैनेज कर पाना बहुत मुश्किल होता है, लेकिन शांतनु के पिता ने हमेशा मुझे सपोर्ट किया बच्चों को पिता के साथ-साथ मां का प्यार भी दिया. कभी शांतनु को प्यार से तो कभी डांटकर उसे समझाया और उसका काफी ध्यान रखा.

शांतनु की मां बताती हैं कि बचपन में कभी-कभी शांतनु इस बात की शिकायत करता था कि मां ज्यादातर समय साथ नहीं होती लेकिन जैसे-जैसे बड़ा होता गया वो सबकुछ समझने लगा. ये कहने लगा कि मां जो भी करती हैं हमारे लिए करती हैं, इसलिए परेशान होने की जरूरत नहीं है, अपने काम पर ध्यान देना ज्यादा जरूरी है.

शांतनु ने सेल्फ़ स्टडी के दमपर कैसे क्रैक किया CDS जानने के लिए वीजिट करें विंध्य फर्स्ट का इंस्टाग्राम पेज