Vindhya First

सौतेला विंध्य: काम करने लायक हर 10वां युवा बेरोजगार

युवाओं को रोजगार

क्या आप जानते हैं कि मध्य प्रदेश का विंध्य क्षेत्र युवाओं को रोजगार देने के मामले में सबसे पिछड़ा है? जिस विंध्य क्षेत्र में सिंगरौली जैसा पावर सेंटर हो, शहडोल में कोयले की खान हो, अनूपपुर के अमरकंटक जहां से पूरे प्रदेश की जीवनदायनी मां नर्मदा का उद्गम स्थल है, एमपी की सीमेंट राजधानी सतना हो, चित्रकूट और मैहर जैसे धाम हों, वहां बेरोजगारी सबसे ज्यादा क्यों है?

विंध्य में वो सारी चीजें मौजूद हैं जो प्रदेश को आर्थिक रूप से मजबूत बनाती हैं. फिर भी यहां की बोरोजगारी दर मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा है. CMIE की रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश की बेरोजगारी दर 7.1% है. मालवा क्षेत्र में बेरोजगारी दर 6.7% है, ग्वालियर-चंबल में 7.5%, वहीं विंध्य क्षेत्र में बारोजगारी दर 9.3% है. यानी विंध्य में काम करने लायक हर दसवां विंध्यवासी बेरोजगार है.

केवल 258 पदों पर भर्तियां
विंध्य में बेरोजगारी का हाल ये है कि रोजगार पाने के लिए नरेगा पोर्टल पर विंध्य के अलग-अलग क्षेत्रों से 3 लाख 69 हजार 61 लोगों ने नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था. जबकि भर्तियां केवल 258 पदों पर निकलीं थीं वो भी केवल रीवा जिले में.

कितने लोगों को रोजगार मिला ये मामला सरकार के पास विचाराधीन
प्रदेश में साल 2003 से बीजेपी सरकार सत्ता पर काबिज है. सीएम शिवराज सिंह ने कई बार रोजगार देने के वादे भी किए हैं लेकिन विंध्य में ये वादे सच होते नजर नहीं आए. जब गुढ़ में एशिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट लगा तब भी सरकार ने रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन इसमें कितने लोगों को रोजगार मिला इसका डाटा बताने में सरकार असमर्थ रही. गुढ़ विधायक नागेन्द्र सिंह ने विंध्य फर्स्ट की टीम के साथ खास बातचीत में कहा था कि कितने लोगों को सोलर प्लांट में रोजगार मिला है ये सरकार बताएगी.

जिस विंध्य में एशिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट लगा हो, जिसकी बिजली से दिल्ली में मैट्रो दौड़ रही हो, जहां सीमेंट के कारखाने दिन-रात चल रहे हो, वहां के युवा बेरोजगारी की मार से परेशान हैं. विंध्य में मौजूद कई बड़े प्लांट में लोगों को रोजगार तो मिला लेकिन केवल मजदूरी करने के लिए.

देखें पूरा वीडियो….