विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) हर साल 5 जून को मनाया जाता है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर हर साल यह क्यों मनाया जाता है. World Environment Day मनाने का उद्देश्य क्या है. बता दें कि विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत 1973 में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए की गई थी.
तब से ही 5 जून को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से वृक्षारोपण, स्वच्छता अभियान और पर्यावरण प्रदूषण रोकने के लिए सेमीनार आयोजित किए जाते हैं. हर साल इसके लिए एक अलग विषय चुना जाता है, जो पर्यावरण के सामने आने वाली किसी खास चुनौती पर फोकस करता है.
हर व्यक्ति को पेड़ लगाना है जरूरी
बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण के कारण दुनियां भर में तापमान रिकॉर्ड तोड़ रहा है. इसलिए हर किसी व्यक्ति को अधिक से अधिक पेड़ लगाना चाहिए. पेड़ लगाकर ही बढ़ते तापमान को नियंत्रित किया जा सकता है. नए पौधों को लगाने के साथ ही पुराने पौधों का संरक्षण करना भी बहुत जरूरी है. इसलिए पौधों की कटाई में रोक लगे इसके लिए जरूरी प्रयास करने होंगे.
एपीएसयू में हुआ विश्व पर्यावरण दिवस का आयोजन
5 जून को अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में विश्व पर्यावरण दिवस का आयोजन किया गया. इस मौके पर म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी एस. डी. वाल्मीकि ने कहा कि भारत सरकार और मध्य प्रदेश शासन के द्वारा चलाई जा रही है. मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा नगर निगम के सहयोग से दूषित जल को उपचारित किए जाने की योजना है. इस पानी को पौधों को सीचने में किया जाएगा. इससे नदियों में दूषित पानी मिलना भी बंद हो जाएगा.
तालाबों की घट रही संख्या चिंताजनक
तालाबों की घटती संख्या बहुत चिंताजनक है. रीवा की बात करें तो काफी पहले यहां पर 5 हजार से ज्यादा तालाब थे लेकिन अब इनकी संख्या 500 से कम हो गई है. तालाब जहां एक ओर जहां जलस्तर को मेंटेन करते हैं वहीं दूसरी ओर आस पास के पौधों के लिए पानी भी उपलब्ध करवाते हैं.