लोकसभा चुनाव 2024 का आगाज़ हो चुका है. राष्ट्रीय पार्टियों ने अपने उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में उतार दिए हैं. विंध्य फर्स्ट की टीम ने सतना लोकसभा क्षेत्र का दौरा किया और लोगों से जानने की कोशिश की, जनता किससे-कितना खुश है? भारतीय जनता पार्टी से 4 बार के सांसद गणेश सिंह को 5वीं बार बीजेपी की टिकट पर सांसद बनने का मौक़ा मिला है. वहीं कांग्रेस ने अपने 2 बार के मौजूदा सतना विधायक सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा पर भरोसा जताया है.
बात करें अगर सांसद गणेश सिंह की तो विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी की टिकट पर मैदान में उतरे लेकिन कांग्रेस नेता सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा से हार गए.
विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा 2014 में सपा की टिकट से खजुराहो से लोकसभा चुनाव लड़े और हार गए. वहीं एक बार फिर संसदीय मैदान में उतरे हैं.
सतना लोकसभा क्षेत्र में त्रिकोणीय मुक़ाबला देखने को मिल सकता है. मैहर विधानसभा से 4 बार विधायक रहे नारायण त्रिपाठी भी बसपा से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. नारायण त्रिपाठी अपनी खुद की पार्टी विंध्य जनता पार्टी बनाकर विधानसभा चुनाव 2023 में उतरे और श्रीकांत चतुर्वेदी से हार गए थे.
आइए जानते हैं सतना संसदीय क्षेत्र के क्या हालात हैं? और जनता का क्या कहना है?
सतना के लोगों से बात करने पर पता चलता है कि, जनता सांसद गणेश सिंह को अपने प्रत्याशी के रूप में नहीं देखना चाहती वहीं विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा की बात करें तो लोगों ने कहा ‘विधायक रहते हुए उन्होंने कोई काम नहीं किया सांसदी जीत कर क्या करेंगे! सारे चुनाव वही लड़ रहे हैं. हमारे पास तीसरा ऑप्शन है नारायण त्रिपाठी लेकिन उनका कोई भरोसा नहीं है. लगता है नोटा ही दबाना पड़ेगा.’
साथ ही युवाओं ने रोजगार को लेकर सांसद से गुहार लगाई और सवाल भी खड़े किए. कहने को सतना स्मार्ट सिटी है लेकिन सुविधाएं न के बराबर हैं. मेडिकल कॉलेज होने के बावजूद स्वास्थ्य सुविधाएं चिंताजनक हैं. लोग नागपुर जैसे बड़े शहर जाने को मजबूर हैं.
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