Vindhya First

सिंगरौली में गली क्रिकेट खेलने वाली, बचपन से फुटबॉल प्लेयर बनने का सपना देखने वाली नुजहत परवीन कैसे बन गई स्टार क्रिकेटर?

कहते हैं लड़कियों को अगर पंख दे दिए जाएं तो वो उड़ना खुद सीख जाती हैं और अपने आस-पास की लड़कियों (women empowerment) के लिए भी प्रेरणा (Inspiration) बन जाती हैं. अगर मौका मिले तो वो खुद को साबित भी करती हैं और अपने घर, परिवार, गांव, शहर का नाम भी रोशन करती हैं. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है इंडियन क्रिकेट टीम (Indian cricket team, India women’s national cricket team) की धाकड़ क्रिकेटर (cricketer) नुजहत परवीन (Nuzhat Parveen) ने. मध्यप्रदेश (Madhyapradesh) के रीवा (Rewa) संभाग की पहली महिला क्रिकेटर (female cricketer) हैं नुजहत जिन्होने भारतीय महिला टीम में अपनी जगह बनाई है. सिंगरौली (Singrauli) की नुजहत महिला क्रिकेट टीम की विकेट कीपर (wicket keeper) व बल्लेबाज हैं जो दुनिया भर में देश का नाम रोशन कर रही हैं.

नुजहत अब क्रिकेट के साथ-साथ वेस्टर्न रेलवे (Western Railway) में नौकरी भी करती हैं. क्रिकेट प्लेयर होने के साथ-साथ नुजहत फुटबॉल प्लेयर (football player)भी रही हैं. विंध्य फर्स्ट (vindhya first) से खास बातचीत में नुजहत ने अपनी सफलता, अपने संघर्ष और अपने जुनून से जुड़ी बाते शेयर की हैं. पढ़िए इंटरव्यू का खास अंश.

सवाल: पढ़ाई में अव्वल, फुटबॉल में दिलचस्पी रखने वाली नुजहत के क्रिकेट की शुरूआत कैसे हुई?
जवाब: साल 2011 में क्रिकेट शुरू किया था जब सिंगरौली से डिस्ट्रिक्ट की टीम बन रही थी क्रिकेट की. तब मैं फुटबॉल में ज़्यादा दिलचस्पी रखती थी लेकिन डिस्ट्रिक्ट टीम पूरी करने के लिए इसका हिस्सा बनीं. बचपन से ही एथलीट रही हूं. स्टेट के लिए 100 मीटर और लॉन्ग जंग मेरा इवेंट रहता था, लेकिन टीम स्पोर्ट में मेरी दिलचस्पी शुरू से ही ज़्यादा थी. इसलिए बचपन से फुटबॉल खेलती थी, फुटबॉल के अंडर 14 में नेशनल खेला है और एमपी को लीड किया है. मैं ये संगत करना चाहती थी कि लड़कियां किसी मामले में कम नहीं हैं, वो फुटबॉल भी खेल सकती हैं.

सवाल: क्रिकेट में आपके कोच रीवा से हैं, तो सिंगरौली से रीवा तक का सफ़र कैसे तय हुआ?
जवाब: पहली बार हमारी टीम सिंगरौली से रीवा आई थी इंटर डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट के लिए. तब मुझे लेदर बॉल क्रिकेट के बारे में इतना कुछ पता नहीं था, क्योंकि मैं गली क्रिकेट खेला करती थी, टेनिस की बॉल से. रीवा में मुलाक़ात एरिल एंथनी सर से हुई, उसके बाद उन्होंने मुझे काफ़ी ज़्यादा प्रेरित किया क्रिकेट खेलने के लिए और तबसे आज तक मैं क्रिकेट ही खेल रही हूँ.

इस इंटरव्यू में नुजहत ने अपने संघर्ष के बारे में काफ़ी कुछ बताया है, जानने के लिए वीडियो पर ज़रूर क्लिक करें