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बारिश होते ही टापू में तब्दील हो जाती है रीवा की ये कॉलोनी, स्कूल जाने में बच्चों को है सबसे अधिक परेशानी

विंध्य क्षेत्र में इसी सप्ताह अचानक से बेमौसम बारिश हुई. इस बारिश ने विकास के सभी वादों की पोल खोल दी. दरअसल, रीवा शहर के वार्ड 26 में श्रीराम नगर में करीब 100 से अधिक परिवार रहते हैं. लेकिन थोड़ी भी बारिश होते ही यह शहर टापू में तब्दील हो जाता है. इस मुहल्ले के रहवासी खुद को सौतेला महसूस करते हैं. वार्ड 26 के श्रीराम नगर में साल 2010 में प्लाटिंग हुई थी. कई परिवारों ने प्लाट कटने के साथ ही नगर नियम से नक्शा पास करवाकर घर का निर्माण करवा लिया. यहां रहने वाले 14 साल बीत जाने के बाद भी बनवास खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं.

श्रीराम नगर की दूरी चिरहुला मंदिर से सिर्फ 1 किलोमीटर है. लेकिन बारिश होने पर वार्ड 26 का श्रीराम नगर मुख्य शहर से कट जाता है. लोगों का कहना है कि बारिश होते ही यहां इतना कीचड़ होता है कि बाइक और साइकिल तो दूर पैदल निकलना भी दूभर हो जाता है. ऐसे में अगर यहां किसी की तबियत खराब हो जाए तो ऑटो वाले भी आने से इंकार कर देते हैं.  

मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे लोग
वार्ड 26 के लोगों को अभी भी मूलभूत सुविधाओं का इंतजार है. यहां रहने वालों को ना तो मीठा पानी नसीब है और ना ही फुल बोल्टेज बिजली. मोहल्ले वासियों की मांग है कि यहां पर बिलजी के पोल की संख्या बढ़ाई जाए. मीठे पानी और गैस पाइप लाइन की भी सुविधा होनी चाहिए. बच्चे स्कूल जा सकें इसके लिए आरसीसी सड़क भी होनी चाहिए.

56 लाख रुपये चढ़े भ्रष्टाचार की भेंट
मुहल्ले के लोगों ने बताया कि नाली निर्माण के लिए 56 लाख रुपये स्वीकृत हुए. लेकिन यह पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए. आज भी यहां पर सही ठंग से पानी की निकासी की समस्या है. सीवर लाइन के लिए हुई खुदाई से भी यहां पर लोगों को काफी असुविधा हो रही है.

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