यूं तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अक्सर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हैं और बदले में विपक्षी दल भी जमकर पलटवार करता है, लेकिन इसबार पीएम मोदी ने कांग्रेस के मैनिफेस्टो से मताओं बहनों के सोने के गहनों को लेकर कुछ ऐसा कह दिया है, जिससे सियासी भूचाल आ गया है. दरअसल पीएम मोदी ने चुनावी भाषण के दौरान कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र के मुताबिक वह “माताओं और बहनों” के सोने का स्टॉक रख लेगी और फिर इसे मुसलमानों को बांट देगी. पीएम ने ये भी दावा किया कि कांग्रेस महिलाओं का मंगलसूत्र भी रख लेगी.
पीएम की इस सभा के बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के दावों की जमकर निंदा की साथ ही इन दावों को झूठ और घृणास्पद बताया है. प्रियंका गांधी ने कहा कि मेरी मां सोनिया गांधी ने इस देश के लिए अपना मंगलसूत्र कुर्बान किया है और मेरी दादी इंदिरा गांधी ने युद्ध के समय अपने गहने दिए थे. इस सियासी भूचाल के बीच सवाल उठता है कि देश के मुस्लमानों की आर्थिक स्थिति आखिर कैसी है. तो चलिए इस एक्सप्लेनर में जानते हैं कि आखिर देश की कुल 14 प्रतिशत मुस्लिम आबादी कितना पैसा और सोना है.
देश के अलग-अलग धार्मिक सांप्रदायों की आर्थिक स्थिति की अगर बात हो तो इसपर अत्यधिक विस्तृत डाटा तो नहीं मिलता है, लेकिन आईसीएसएसआर और भारतीय दलित संस्थान द्वारा भारत में धन स्वामित्व में अंतर समूह असमानता को लेकर 2020 में एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई. इस रिपोर्ट में NSSO और भारतीय आर्थिक जनगणना द्वारा किए गए अखिल भारतीय ऋण और निवेश सर्वेक्षण के डाटा को शिमाल किया गया, जिमसें पता चला कि देश के मुस्लिमों के पास अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों से भी कम की संपत्ति है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक देश के सामान्य हिंदूओं को पास देश की कुल संपत्ति का 40.9% हिस्सा है. ओबीसी हिंदूओं के पास 30.8%, मुसलमान के पास 8% , एससी के पास 7.3%, एसटी के पास 3.7% है.
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