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विंध्य के गौरव दिनेश कुमार त्रिपाठी के हाथों में पूरे देश के रक्षा की बागडोर.

सैनिक स्कूल रीवा के छात्र रहे दिनेश कुमार त्रिपाठी को नौसेना के उपाध्यक्ष यानी नेवी का दूसरा सबसे बड़ा अधिकारी बनाया गया है. उनकी इस उपलब्धि से समूचा विंध्य क्षेत्र गौरवान्वित हुआ है. विंध्य के लिए यह बेहद सुखद क्षण हैं, कि देश की रक्षा में तत्पर भारतीय नौसेना की कमान विंध्य के लाल को सौंपी गई है. नौसेना में इन ऊंचाइयों को छूने वाले दिनेश त्रिपाठी सतना जिले के अमरपाटन क्षेत्र के महुडर गांव से हैं. वह न सिर्फ विंध्य के निवासी हैं, बल्कि उनकी सैन्य शिक्षा भी विंध्य से हुई है. रीवा में ही उन्होंने छात्र जीवन जिया है. दिनेश त्रिपाठी 4 जनवरी 2024 से अपना पदभार ग्रहण करेंगे. और पूरे देश के रक्षा की बागडोर अपने हाथों में लेगें. 

वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी, वर्तमान समय में पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में कार्यरत हैं. नौसेना क्षेत्र में उनका व्यापक अनुभव और नेतृत्व उन्हें इस महत्वपूर्ण पद के लिए एक रणनीतिक रूप से विकल्प बनाता है. इन्होंने उच्च श्रेणी के अधिकारी से पहले भारतीय नौसेना के कार्मिक (सीओपी) प्रमुख, बड़े कमांडर और फ्रंट-लाइन विध्वंसक जैसी कमान संभाली थी.

दिनेश त्रिपाठी सैनिक स्कूल रीवा के साल 1981 बैच के पासआउट छात्र हैं. वह स्कूल के सतपुड़ा हाउस में रहते थे. फिर उन्होंने स्नातक की पढ़ाई राष्ट्रीय रक्षा एकेडमी पूणे महाराष्ट्र से की. दिनेश त्रिपाठी को कुछ समय पहले अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्दालय से पीएचडी की मानद उपाधि से भी सम्मानित किया गया था. दिनेश त्रिपाठी को नौसेना के कई बड़े पदकों से भी नवाजा गया है.

भारत सरकार ने कई हाई-प्रोफाइल नियुक्तियों को मंजूरी दे दी है, जिसमें वाइस एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी को नौसेना स्टाफ के उप प्रमुख के पद पर पदोन्नत करना भी शामिल है. इस मामले से वाकिफ लोगों के मुताबिक, जनवरी 2024 की शुरुआत में नौसेना स्टाफ के वाइस चीफ का पद सभालेंगें. 

ये नियुक्तियां महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में नौसेना दिवस समारोह के बीच हुई हैं, जिसमें को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल थे. सिंधुदुर्ग किले के ऐतिहासिक महत्व पर विचार करते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “सिंधुदुर्ग की विजयी भूमि से नौसेना दिवस मनाना वास्तव में अभूतपूर्व गर्व का क्षण है।”