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गर्मियों के मौसम में फ्रिज का चिल्ड वॉटर बन सकता है मुसीबत, कम हो सकता है हार्ट रेट

इस साल गर्मियां अप्रैल के महीने में ही सितम ढा रही हैं. सुबह 10-11 बजे से ही चिलचिलाती धूप कहर बरपाने लगती है. ऐसे में लोग ठंडी चीजों का सहारा लेते हैं और अपने फ्रिज में पानी के बॉटल जरूर रखते हैं. कई लोग तो पानी ठंडा करने के लिए बर्फ का इस्तेमाल भी करते हैं, लेकिन फ्रिज का ठंडा पानी आपके लिए मुसीबत बन सकता है.

आयुर्वेद की माने तो ठंडा पानी आपको कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है. आर्टिफिशियल तरीके से ठंडा किया गया पानी या तो शरीर में कोई विकार पैदा कर सकता है या फिर शरीर का संतुलन बिगाड़ सकता है. ज्यादा ठंडा पानी पीने से शरीर का टेंपरेचर अचानक बदल जाता है. इससे ब्लड वेसल्स सिकुड़ सकती हैं साथ ही पेट खराब भी हो सकता है. डॉक्टर्स की माने तो बहुत ठंडा पानी पीने से हार्ट रेट कम हो सकता है, सिरदर्द, गले में खराश, डिहाईड्रेशन हो सकता है. मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है और दांतों में सेंसिटिविटी बढ़ सकती है.

हालांकि इस मौसम में रूम टेम्परेचर का पानी भी पीने में काफी गरम लगता है ऐसे में मटके का पानी आपके लिए बेहतर ऑप्शन हो सकता है. क्योंकि मटके में रखा पानी प्राकृतिक तरीके से ठंडा होता है. यह पानी फ्रिज के बर्फ वाले पानी की तरह एकदम चिल्ड नहीं इसलिए नुकसान नहीं पहुंचाता है. साथ ही पानी पीते वक्त आपको कुछ बातों का ध्यान भी रखना चाहिए जैसे खड़े होकर पानी कभी न पीएं. ऐसा करने से किडनी या फिर गठिया बात की समस्या हो सकती है. साथ ही नसों में भी तनाव हो जाता है. इसके अलावा जब भी आप तेज धूप से आएं तो कुछ देर इंतजार करने के बाद ही पानी पिएं.

अगर ज्यादा प्यास लगी हो तो एकसाथ ज्यादा पानी भी नहीं पीना चाहिए. थोड़ा-थोड़ा करके पानी पीने से आराम मिलता है. गर्मियों के मौसम में पानी में नींबू और नमक मिलकर पीने से काफी राहत मिलती है.

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