विश्व में खाद्य सुरक्षा और पोषण की स्थिति (SOFI) ने एक रिपोर्ट (Report) जारी की. रिपोर्ट में पाया गया कि, दुनिया में सबसे ज्यादा कुपोषित (Malnutrition) लोग भारत (India) में हैं. जिनकी संख्या लगभग 19.5 करोड़ है. इतना ही नहीं भारत में 79 करोड़ लोग ऐसे हैं जो ‘स्वस्थ आहार’ (Healthy Diet) का ख़र्च उठाने में असमर्थ हैं. जबकि 53% महिलाएं (Women) ऐसी है जो की एनीमिया (Animia) से पीड़ित हैं.
कुपोषण
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक़, कुपोषण का मतलब किसी इंसान की ऊर्जा और पोषक तत्वों की कमी, अधिकता या असंतुलन से है. यानी आपके शरीर के विकास के लिए और कामों को करने के लिए कई तरह के पोषक तत्वों की ज़रूरत होती है. किसी भी व्यक्ति को कुपोषण तब होता है जब उसे मिलने वाले पोषक तत्व इन ज़रूरतों को पूरा नहीं करते हैं. आसान भाषा में, एक ऐसी स्थिति जिसमें किसी व्यक्ति को अपने हेल्थ को डेवेलप करने के लिए भरपूर आहार न मिल पाना ही कुपोषण है.
अतिपोषण
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में कुपोषण की अपनी परिभाषा में अतिपोषण को शामिल किया है. ताकि पोषक तत्वों के अत्यधिक सेवन से होने वाले हानिकारक स्वास्थ्य प्रभावों को पहचाना जा सके.. इसमें अधिक वजन और मोटापे के प्रभाव शामिल हैं.
भारत में कुपोषण की स्थिति
‘स्टेट ऑफ फूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रिशन इन द वर्ल्ड’ के अनुसार भारत में 19.5 करोड़ लोग कुपोषण का शिकार हुए हैं. हालाकि, इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि, कुपोषण को लेकर भारत की स्थिति में पिछले वर्षों की तुलना में अब थोड़ा सुधार हुआ है. जैसे 2004-06 की अवधि में देश में कुपोषित लोगों की संख्या 24 करोड़ थी. जो अब घटकर 19.5 करोड़ हो गई है.
GHI यानी की GLOBAL HUNGER INDEX के अनुसार भारत का 2023 GHI स्कोर 28.7 है. जिसे GHI भूख की गंभीरता पैमाने के अनुसार गंभीर माना जाता है. यह इसके 2015 GHI स्कोर 29.2 से थोड़ा सुधार है. जिसे भी गंभीर माना जाता है. साल 2000 में भारत का GHI SCORE 38.4 था जो कि, साल 2008 आते-आते 35.5 हो गया. इतना ही नहीं 2023 GHI SCORE की RANKING में 125 देशों में भारत का स्थान 111 है जो की काफी नीचे है.
कुपोषण की माप
विश्व में कुपोषण मापने का काम ग्लोबल हंगर इंडेक्स करता है. ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर भूख को व्यापक रूप से मापने और ट्रैक करने का एक उपकरण है. जो यह बताता है कि, किस देश में कितने लोग कुपोषण का शिकार हैं. GHI स्कोर चार फैक्टर्स पर आधारित हैं:
अल्पपोषण (Undernutrition), बाल बौनापन (Child Dwarfism), बाल दुर्बलता (Child weakness), बाल मृत्यु दर (Child Mortality) शामिल हैं. इन चारों के आधार पर भूख की गंभीरता को दर्शाते हुए 100 पॉइंट स्केल पर GHI स्कोर की गणना की जाती है. जहां 0 सबसे अच्छा स्कोर है और 100 सबसे खराब है.
2023 GHI की रिपोर्ट्स के अनुसार भारत की बाल दुर्बलता दर 18.7% है. रिपोर्ट में सबसे अधिक बाल दुर्बलता दर है. वहीं बाल बौनापन दर 35.5% है. अल्पपोषण का प्रचलन 16.6% है. और इसकी पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर 3.1% है.
एनीमिया से पीड़ित महिलाओं की संख्या में भारत सबसे आगे
SOFI स्टेट ऑफ फूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रिशन इन द वर्ल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 53% महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं. अगर वैश्विक स्तर पर महिलाओं (15 से 49 वर्ष) में एनीमिया की व्यापकता देखें तो, ये 2012 में 28.5% से बढ़कर 2019 में 29.9% हो गई.
एनीमिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर में पर्याप्त मात्रा में स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाएँ या हीमोग्लोबिन नहीं होती हैं. इसके कई कारण हो सकते हैं. एनीमिया का सबसे आम कारण है शरीर में आयरन की कमी. अगर आयरन आपको सही मात्रा में नहीं मिलता तो आपको यह बीमारी हो सकती है.
SOFI रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि, आधे से अधिक भारतीय (55.6%) अभी भी ‘स्वस्थ आहार’ का खर्च उठाने में असमर्थ हैं. जो संख्या के लिहाज़ से 79 करोड़ लोग हैं. ये अनुपात दक्षिण एशिया में सबसे अधिक है.
पूरी जानकारी के लिए देखिए ये वीडियो.