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लैंसेट रिपोर्ट : भारत में 14 लाख बच्चो को नही मिला टीकाकरण का लाभ   

हाल ही में जारी हुई लैंसेट रिपोर्ट में बताया गया है कि पूरे विश्व में 1.57 करोड़ बच्चो को वैक्सीन नही लगी साथ ही आधे से ज्यादा जीरो डोज बच्चे सिर्फ आठ देश में है.जिनमे भारत, पाकिस्तान, नाइजीरिया, ब्राजील, इंडोनेशिया, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो,सूडान और सोमालिया शामिल हैं.

क्या है लैंसेट रिपोर्ट

स्वास्थ्य विज्ञान से जुडी लैंसेट पत्रिका द्वारा हर वर्ष,विभिन्न स्वास्थ्य सम्बन्धी,महामारी एवं वैश्विक स्वास्थ्य नीति से जुडी शोध आधारित रिसर्च प्रकाशित की जाती है.इस रिपोर्ट का उपयोग वैज्ञानिक और शोधकर्ता अपनी बातो के सत्यापन हेतु करते है.

 जीरो डोज की स्थिति 

जीरो डोज का मतलब होता है,एक भी टीके का न लग पाना.1980-2023 के दौरान डिप्थीरिया,टिटनेस,पर्टुसिस (DTP), खसरा (मिज़ल्स), पोलियो और टीबी जैसे छह मूल टीकों में लगातार वृद्धि हुई.1980 में डीटीपी की कवरेज करीब 49% थी,जो 2023 तक 89 % पहुंची.
विगत कुछ वर्षो का हाल देखा जाये तो 2019 तक जीरो डोज बच्चो की संख्या 58.8 मिलियन से घटकर 14.7 मिलियन हो गयी थी जो की एक बड़ी सफलता है.
कोविड महामारी के प्रभाव के कारण 2020–23 के दौरान टीकाकरण दरों में महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की गई.15.6 मिलियन बच्चों ने DTP3 या खसरा पूरी नहीं कर पाए,15.9 मिलियन बच्चों को पोलियो वक्सीन नहीं मिली, और 9 मिलियन ने टीबी का टीका नहीं लिया.

WHO का टारगेट
यू एन और WHO का टारगेट है 2030 तक जीरो डोज बच्चो की संख्या को 2019 की अपेक्षा आधा किया जाना चाहिए.इस टारगेट को अभी तक 204 देशो में से केवल 18 देश ही पूरा कर पाए.

वैक्सीनेशन की स्थिति
ज्यादातर जीरो डोज देशों की स्थिति काफी बेकार है,कहीं आतंकवाद की समस्या है तो गृह युद्ध की,तो किसी की आर्थिक स्थिति ख़राब है लेकिन भारत इन सब मामलों में अन्य देशो से बेहतर है इसलिए जीरो डोज देशों की लिस्ट से निकलने के लिए और अधिक प्रयासों की जरुरत है.

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