सतना एयरपोर्ट की कहानी सिर्फ़ एक हवाई पट्टी से आधुनिक हवाई अड्डा बनने की नहीं है, बल्कि यह मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र की वर्षों पुरानी आकांक्षाओं को पंख देने वाली उपलब्धि है. यह हवाई पट्टी द्वितीय विश्व युद्ध के समय बनाई गई थी और दशकों तक सीमित उपयोग में रही. लेकिन केंद्र सरकार की उड़ान योजना (UDAN) के अंतर्गत इसे आधुनिक हवाई अड्डे में बदलने का सपना आखिरकार साकार हो गया है.
सतना बना मध्य प्रदेश का सातवां एयरपोर्ट
जनवरी 2024 में शुरू हुआ निर्माण कार्य मात्र 17 महीनों में पूरा कर लिया गया. 31 मई 2025 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली इसका उद्घाटन किया, जिससे सतना को मध्य प्रदेश का सातवां एयरपोर्ट बनने का गौरव प्राप्त हुआ. इस एयरपोर्ट की शुरुआत ने सतना को देश के हवाई नक्शे पर एक नई पहचान दी है.
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आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण
सतना एयरपोर्ट में सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं. जिसमें एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर, फायर स्टेशन, वीआईपी लाउंज, और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए सोलर स्ट्रीट लाइट्स और LED लाइटिंग की व्यवस्था की गई है. हफ्ते में छह दिन यहां से उड़ानें संचालित होती हैं, जिनका किराया लगभग 2100 रुपये प्रति घंटा तय किया गया है, जिससे यह यात्रा किफायती भी बनी हुई है.
एयरपोर्ट से न केवल सतना को, बल्कि चित्रकूट और मैहर जैसे प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों को सीधा लाभ मिलने वाला है. श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अब लंबी सड़क यात्राओं से राहत मिलेगी और क्षेत्रीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.
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हालांकि, अभी उड़ानों में यात्रियों की संख्या कम है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि समय के साथ यहां आवागमन बढ़ेगा और यह एयरपोर्ट स्थानीय अर्थव्यवस्था, रोजगार और पर्यटन को नई ऊंचाईयों तक ले जाएगा. सतना एयरपोर्ट, अब केवल एक हवाई अड्डा नहीं रहा, बल्कि यह विंध्य की प्रगति, विकास और सपनों को उड़ान देने वाला प्रतीक बन चुका है.
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