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Toggleअपराध की दुनिया: क्यों लगती है इतनी रोमांचक?
अपराध की दुनिया: इंदौर की सोनम रघुवंशी का मामला इन दिनों सुर्खियों में है. हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. कुछ ऐसी ही चौंकाने वाली घटनाएं सामने आई हैं जहां मानवीय संबंधों पर विश्वास उठने लगता है. एक महिला ने एक बच्ची को गोद लिया और उसे पाल-पोसकर बड़ा किया. जब वह बच्ची 15 साल की हुई तो उसने एक लड़के से संबंध बनाना शुरू कर दिया. मां ने उसे पहले पढ़ाई पूरी करने की सलाह दी, लेकिन किशोरी ने गुस्से में आकर अपनी ही मां की हत्या कर दी.
महिलाएं भी पीछे नहीं
एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि 94% अपराध पुरुष करते हैं जबकि महिलाओं का हिस्सा सिर्फ 6-8% है. लेकिन जब कोई महिला अपराध करती है तो वह ज्यादा चौंकाने वाला लगता है. आजकल महिला अपराधी भी सामने आ रही हैं. दिल्ली में एक लड़की को अपराध करने के बाद जेल हुई, लेकिन रिहाई के बाद वह फिर से अपराध की दुनिया में लौट आई.
अपराध को ग्लैमराइज करती फिल्में
हिंदी फिल्मों ने अपराध को एक अलग तरह से पेश किया है. अमिताभ बच्चन की ‘एंग्री यंग मैन’ वाली छवि ने युवाओं के दिमाग में यह बात बैठा दी कि न्याय लेने का सही तरीका अपराध है. आजकल ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया पर अपराध करने के तरीके आसानी से मिल जाते हैं. युवा बदले की भावना से प्रेरित होकर गलत कदम उठा लेते हैं.
समाज में बदलती मानसिकता
पहले अपराधी पिता अपने बच्चों को सही रास्ते पर चलने की सलाह देते थे. लेकिन आज स्थिति बदल गई है. एक अपराधी ने इंटरव्यू में कहा कि उसके पिता उससे नाराज रहते थे क्योंकि वह उनके जितने अपराध नहीं करता था. उन्होंने कहा था – “अगर मेरा बेटा मुझसे आगे निकलना चाहता है तो उसे मुझसे ज्यादा अपराध करने होंगे.”
अपराध की ओर क्यों आकर्षित होते हैं लोग?
अपराध की दुनिया इसलिए आकर्षक लगती है क्योंकि:
- यह त्वरित न्याय का भ्रम पैदा करती है
- लंबी कानूनी प्रक्रिया से बचने का रास्ता दिखाती है
- फिल्मों और मीडिया ने इसे ग्लैमराइज किया है
- सोशल मीडिया पर अपराधियों को हीरो बना दिया जाता है
अपराध कोई समाधान नहीं है. समाज को यह समझना होगा कि हिंसा और कानून तोड़कर कभी सही न्याय नहीं मिलता. युवाओं को सही मार्गदर्शन की जरूरत है ताकि वे गलत रास्ते पर न चलें. साथ ही, मीडिया और फिल्म उद्योग को भी जिम्मेदारी से काम करना चाहिए.