सोन नदी के पास बसा अनूपपुर 20 साल पहले मध्यप्रदेश का नया जिला बना था. 15 अगस्त, साल 2003 ही वो दिन था जब इस जिले को अलग पहचान मिली. इससे पहले ये शहडोल का हिस्सा हुआ करता था. ये क्षेत्र कभी राजा विराट की राजधानी हुआ करता था. यहां के लिए ये भी माना जाता है कि सोन नदी के उत्तर में मगध साम्राज्य का शासन हुआ करता था. इतिहासकार मानते हैं कि मेकला के शासक अमरकंटक के पहाड़ और उसके आसपास ही शासन करते थे.
नर्मदा-सोन जैसी विशाल नदियों की सौगात देने वाला जिला अनूपपुर लगभग 20 साल पहले जिले के रूप में अस्तित्व में आया. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 554 किलोमीटर दूर बसा अनूपपुर जिला जो पहले शहडोल जिले का अभिन्न भाग था, प्रकृति की अप्रतिम देन के कारण विश्वपटल पर यह जिला अपना नाम अंकित करता है.
धार्मिक एवं औषधीय महत्व को बढ़ाता -अनूपपुर
अमरकंटक अनूपपुर का वह क्षेत्र है जो धार्मिक एवं औषधीय महत्ता को बढ़ाता है. अमरकंटक में मिलने वाली औषधि दुर्लभ एवं कारगर हैं. अमरकंटक से निकलने वाली तीन नदियों (सोन, नर्मदा, जोहिला) से प्रदेश का अधिकांश हिस्सा सिंचित होता है. नर्मदा नदी के प्रति धर्मिक आस्था लोगों को जोड़ने का कार्य भी करती है. अनूपपुर में कोयला की उपलब्धता इसे विशेष बनाती है.
जिले के 20 प्रतिशत से ज्यादा क्षेत्र में जंगल है. सागौन, साल, आंवला, बबूल, सरई, सीसम के पेड़ की उपलब्धता से यहां के जंगल और भव्यता पाते हैं. अनूपपुर जिले से मध्यप्रदेश अपने पुराने हिस्से और वर्तमान में राज्य के रूप में विकसित छत्तीसगढ़ से भी जुड़ता है.
मध्यप्रदेश का पर्यटन बढ़ाता अनूपपुर
मध्यप्रदेश में अनूपपुर ऐसा जिला है जहां साल भर पर्यटक आते रहते हैं. पवित्र नगरी के नाम से जाना जाने वाला अमरकंटक साधू-सन्तो के साथ सैलानियों की मनपसंद जगहों में से एक है. विशेषकर गर्मियों में यहां की ठंडक क्षेत्र के आकर्षण को बढ़ा देती है. कपिलधारा झरना, दूधधारा, श्री जोकलेश्वर मंदिर देखना पर्यटक नही भूलते.
अमरकंटक थर्मल पावर प्लांट की ऊर्जा बढ़ाएगी अनूपपुर का मान
जिला मुख्यालय से 7 किलोमीटर दूरी पर चचाई में अमरकंटक थर्मल पावर प्लांट लगाया गया है. यहां से 2,520 मेगावाट बिजली का उत्पादन करने का लक्ष्य है. जिससे पूरा जिला ही नहीं आसपास के क्षेत्र भी रोशन होंगे. यहां की बिजली की कमी को इस पावर प्लांट से पूरा किया जाएगा.