व्यक्ति समाज के किसी न किसी नाज़ूर हिस्से से ताल्लुक रखता है और जब कोई एक हिस्सा उसकी तकलीफ का कारण बनता है, वो मायूस होता है, और खुदकुशी को गले लगा लेता है.
क्या आप जानते हैं..हमारे देश में हर रोज 468 लोग आत्महत्या को मजबूर होते हैं!
ये हम नहीं कह रहे…भारत सरकार ने देश की संसद में बताया है.
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2021 की एनसीईआरटबी रिपोर्ट कहती है कि, भारत में आत्महत्या करने वाला हर चौथा व्यक्ति दिहाड़ी मजदूर है.
NCRB 2022 की रिर्पोट में पिछले साल सुसाइड करने वालों की कुल संख्या 1 लाख 71 हज़ार बताई गई है, यानी हर दिन 468 लोग किसी न किसी वजह से आत्महत्या कर लेते हैं.
इस रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 यानी पिछले साल महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा आत्महत्या के केस मिले हैं जिसकी कुल संख्या 22,746 बताई गई हैं. इसके बाद तमिलनाडु में 19,834 और मध्य प्रदेश में 15,386 लोगों ने आत्महत्या की.
मध्य प्रदेश में पिछले साल के मुकाबले ये आंकड़े बढ़े हैं साल 2021 में ये आंकड़ा 14,965 था यानी एक साल में यह मामला 2.8 फ़ीसदी बढ़ा हैं जो की बेहद ही चौका देने वाला आंकड़ा है.
देशभर में बेरोजगारी की वजह से आत्महत्या करने वालों की संख्या 3,170 हैं ये आंकड़े 2021 में 3,541 और 2020 में 3,548 थी.
NCRB की रिपोर्ट में बेरोजगारी की वजह से सबसे ज्यादा 642 आत्महत्या महाराष्ट्र, 605 कर्नाटक और 289 गुजरात में दर्ज की गई हैं, इसी क्रम में मध्य प्रदेश में 54 आत्महत्याएं हैं जो बेरोजगारी के कारण की गई हैं.
इन आंकड़ों में साल दर साल अंतर देखने को मिला है. साल 2021 में 80 और 2020 में 65 आत्महत्याएं हुई हैं.
तो दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में मजदूरी दर 217.8 रुपए प्रतिदिन है, जो कि अन्य राज्यो के मुकाबले सबसे कम है. ऐसे में मजदूर आर्थिक तंगी की वजह से आत्महत्या कर रहे हैं.
मजदूरी दर की रिपोर्ट भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने जारी की है. इस रिपोर्ट के मुताबिक केरल में सबसे ज्यादा 726.8 रुपये मजदूरी दर है, इसके बाद जम्मू-कश्मीर में 524.6 रुपये, हिमाचल प्रदेश में 457.6 रुपये और तमिलनाडु में 445.6 रुपये है..
मध्य प्रदेश में CMIE की रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश में बेरोजगारी दर 7.1% है, भी विंध्य की बेरोजगारी दर 9.3 है यानी विंध्य क्षेत्र में काम करने लायक हर दसवां युवा बेरोजगार है.
देश भर में आज बेरोजगारी का स्तर बढ़ता ही जा रहा है, लोग मायूस हो रहे हैं. देश में बहुत ऐसे लोग हैं जो स्वरोजगार कर रहे हैं खुद का बिज़नेस खड़ा करके लोगों को भी नौकरी दे रहे हैं, लेकिन आज भी भारत का एक बहुत बड़ा वर्ग जो की सरकारी नौकरियों की तैयारी कर रहा है. मध्य प्रदेश में विगत 5 वर्षों से एमपीपीएससी की एक भी भर्ती नहीं हुई है यह मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी परीक्षा मानी जाती है इसमें भी लाखो युवा हताश हैं.