रीवा जिले के छोटे से गांव खौर की वर्षा बचपन से कैसे एक अच्छी विद्यार्थी होने के साथ टॉप करती आई हैं, इसके बारे में विंध्य फर्स्ट में उन्होंने कई बातें रखी. सबसे पहले तो IES वर्षा कुशवाहा का कहना है कि, अपने सपनों को मेहनत से पूरा करने की चाह और लगन सफलता का पहला मंत्र है. बचपन से ही एक लक्ष्य का होना बहुत जरूरी है और उस लक्ष्य के लिए डेडीकेटेड रहना सबसे ज्यादा जरूरी है.
बता दें वर्षा कुशवाहा UPSC 2020 बैच की अभ्यर्थी हैं. वर्षा ने 2020 में UPSC क्रैक कर 56 रैंक हासिल की है. वर्षा ने अपनी माध्यमिक और उच्चतर पढ़ाई रीवा जिले से की है. वहीं प्राथमिक शिक्षा खौर के छोटे से स्कूल से की है. माध्यमिक शिक्षा और उच्चतर शिक्षा के लिए वर्षा ने काफी संघर्ष किया, उन्होंने बताया बारिश का मौसम हो, ठंड का मौसम हो, या धूप का मौसम हो वो खौर से रीवा तक का सफर साइकिल से तय करती आई हैं.
वर्षा के लिए संघर्ष का नाम ही जीवन है और जीवन का नाम संघर्ष है. एक गवर्नमेंट ऑफिसर बनने की ख्वाहिश उनके दादाजी ने उनसे की और आज वो भारत के उच्च पद पर पदस्थ हैं.
वर्षा कहती हैं, समस्याएं हर किसी के जीवन में आती हैं, जो डट कर सामना करते हैं, उन्हें सफलता मिलती है. जो रास्तों से डरकर पीछे हट जाते हैं, वो लक्ष्य से दूर हो जाते हैं. वर्षा के जीवन में भी कई कठिनाइयां आईं. यहां तक कि वो समय भी आया जब वर्षा को लगा पढ़ाई के साथ – साथ जॉब करनी पड़ जाएगी. लेकिन वर्षा के दादाजी ने सख्ती के साथ कहा पढ़ाई में मेहनत करो, काम नहीं. मोटिवेशन के लिए वर्षा के साथ उनके दादाजी का साथ था.
वर्षा एक सरकारी अफसर हैं, लेकिन वो कहती हैं – जुनून सिर्फ सरकारी नौकरी का नहीं बल्कि हर उस काम का रखना चाहिए जिसे आप कर रहे हैं. चाहे वो प्राइवेट नौकरी हो या व्यापार.
वर्षा विंध्य की बेटी हैं, जिन्होंने अपना ही नहीं बल्कि पूरे विंध्य का नाम रौशन किया है.
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