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बघेली फ़िल्म कुंवारापुर: बघेली कलाकार अविनाश तिवारी बोले बॉलीवुड को बघेलखंड में ला दिया, हमें वहां जाने की ज़रूरत नहीं!

बघेली कलाकार अविनाश तिवारी

बघेलखंड की धरती पर कलाकारों की कमी नहीं हैं. यहां एक से बढ़कर एक कलाकार हैं जो एक्टिंग, सिंगिंग, स्पोर्ट्स हर क्षेत्र में यहां के लोग आगे हैं. अब बघेली के स्टार्स न केवल सोशल मीडिया और नाट्य कलाकार के रूप में मशहूर हैं बल्कि फिल्में बनाकर उन्हे सिनेमाघरों तक भी ले जा रहे हैं. बघेली कलाकार अविनाश तिवारी ने एक फिल्म बनाई थी बुधिया. यह फिल्म थिएटर पर रिलीज हुई थी लेकिन कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई थी. इस फिल्म का विरोध भी हुआ.

अब एकबार फिर अविनाश एक नई फिल्म लेकर आ रहे हैं कुंवारापुर. यह फिल्म भी बुधिया की तरह सिनेमाघरों में रिलीज होगी. बघेली में बनी कॉमेडी फिल्म कुंवारापुर में कई बॉलीवुड एक्टर्स भी नजर आएंगे. विंध्य फर्स्ट ने इस फिल्म की स्टार कास्ट से बात की है. पढ़िए इंटरव्यू के कुछ खास अंश

सवाल: फिल्म का नाम कुंवारापुर क्यों रखा गया?
जवाब: फिल्म के डायरेक्टर राजेन्द्र राठौर ने बताया कि कुंवारापुर एक ऐसे श्रापित गांव की कहानी है जहां लड़कों की शादी नहीं होती. इस गांव में कई सालों से शादी नहीं हुई है इसलिए यहां कई कुंवारे हैं. गांव के लड़के केवल अपनी शादी का ख्वाब देखते रहते हैं, इसलिए फिल्म का नाम कुंवारापुर रखा गया है.

सवाल: फिल्म की शूटिंग कबसे शुरू हुई और बनने में कितना समय लगा?
जवाब: एक्टर अविनाश तिवारी बताते हैं कि फिल्म की तैयारी जनवरी 2023 से ही शुरू हो गई थी. फिल्म की कहानी अविनाश ने सबसे पहले एक्ट्रेस अन्नपूर्णा से शेयर की थी. जब फिल्म के शूट होने की बारी आई तब अन्नपूर्णा ने अविनाश को डायरेक्टर राजेन्द्र राठौर से मिलवाया. अविनाश बताते हैं कि वो हमेशा यूनिक नाम चुनते हैं इसलिए फिल्म का नाम कुंवारापुर रखा गया है. अविनाश कुंवारापुर के बाद MP-66 फिल्म बनाने वाले हैं.

 

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सवाल: बुधिया के बाद दूसरी फ़िल्म बनाने में कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा?
जवाब: अविनाश बताते हैं कि कुंवारापुर बनाने में संघर्ष काफ़ी ज़्यादा था. क्योंकि बुधिया फ़िल्म बनाकर हमने केवल लोगों को ये बताया था कि विंध्य के लोग भी फ़िल्म बना सकते हैं, थिएटर में रिलीज़ कर सकते हैं और हाउसफ़ुल भी कर सकते हैं. बुधिया जब रिलीज़ हुई तो हाउसफ़ुल भी हुई लेकिन जो मज़ाक़ उड़ाने वाले हैं उन्होंने तब भी यही कहा कि फ़िल्म की क्वालिटी अच्छी नहीं थी. बॉलीवुड जैसी फ़िल्म बनाओ तो जाने. इसलिए कुंवारापुर में सबकुछ वैसा ही किया गया, जैसा बॉलीवुड फ़िल्मों में होता है.

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