मध्य प्रदेश राज्य मंत्रिमंडल (MP Government) ने सिविल सेवा भर्ती परीक्षा में महिलाओं के लिए 2 फ़ीसदी आरक्षण (Reservation) बढ़ाने के एक बड़े फैसले को मंजूरी दी है. इस फैसले के के बाद अब महिलाओं को 35 फ़ीसदी आरक्षण मिलेगा. ऐसे में अब प्रदेश की सभी सरकारी नौकरियों (government jobs) में महिलाओं को 33% के बजाय 35% आरक्षण (Women Reservation) का लाभ मिलेगा. खास बात यह है कि वन विभाग को छोड़कर, सभी विभागों में यह नई व्यवस्था लागू होगी. आरक्षण का लाभ सभी एससी, एसटी, ओबीसी और सामान्य वर्गों पर लागू होगा. ऐसे में हर वर्ग के लिए तय आरक्षित होने वाले पदों में से 35% पद उसी वर्ग की महिला उम्मीदवारों को मिलेंगे.
बता दें कि 5 नवंबर 2024 को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रस्ताव को एक साल बाद मंज़ूरी दी गई है. ऐसे में यह नियम 3 अक्टूबर 2023 की सामान्य प्रशासन विभाग यानी जीएडी की अधिसूचना के बाद निकाली गई सभी भर्तियों पर लागू होगा. खास बात यह है कि पिछले महीने मध्य प्रदेश सरकार ने 31 दिसंबर को एक लाख पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की थी. ऐसे में अब इन एक लाख पदों में से 35 हजार पद महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित होगा.
भाजपा ने पूरा किया वादा
बता दें कि साल 2023 में विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 13 सितंबर 2023 को महिलाओं को 35 फ़ीसदी आरक्षण देने का आदेश जारी किया था. इस संबंध में जीएडी ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया था, लेकिन विधानसभा चुनाव के चलते इसे कैबिनेट की हरी झंडी नहीं मिल सकी थी. ऐसे में अब इस फैसले को मंजूरी मिलना एक बड़ा फैसला माना जा रहा है.
असिस्टेंट प्रोफेसर बनने की उम्र 50 साल
कैबिनेट ने असिस्टेंट प्रोफेसर के खाली पदों पर नियुक्ति के लिए अधिकतम आयु सीमा 40 से बढ़ाकर 50 साल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. ऐसे में मेडिकल कॉलेजों में अब 50 साल की उम्र वाले योग्य अभ्यर्थी भी असिस्टेंट प्रोफेसर बन सकेंगे. माना जा रहा है कि प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सा शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए आयु सीमा बढ़ाई गई है. उप मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने बताया कि, सीनियर रेसीडेंट का मानदंड पूरा करने में ही डॉक्टर्स की उम्र 45 हो जाती है. इस कारण असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों के लिए 40 की उम्र वाले पात्र डॉक्टर मिलते नहीं थे. इसलिए उम्र बढ़ाई गई है.
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किसानों के लिए भावांतर भुगतान योजना
मध्य प्रदेश में किसानों के लिए प्याज, दलहन और तिलहन फसलों पर 7 साल पहले शुरू हुई भावांतर भुगतान योजना फिर से शुरू करने पर सरकार विचार कर रही है. मीडिया रिपोर्ट की माने तो इस योजना के लागू होने पर सरकार को अनावश्यक अनाज नहीं खरीदना पड़ेगा. किसान बाजार में अनाज बेचेगा. जिस किसान का अनाज समर्थन मूल्य से कम में बिकेगा, उस अंतर की राशि को किसान के खाते में डाल दिया जाएगा. इससे शासन को नुकसान कम होगा. वहीं किसान भी गेहूं, धान और रूटीन फसलों से भी हट कर उद्यानिकी फसलों की तरफ जाएगा. अभी जिस फसल का समर्थन मूल्य घोषित होता है, किसान उसी तरफ जाता है.
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3.68 करोड़ की लागत
मंत्रिमंडल ने भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित केंद्रीय प्रायोजित परियोजना “आईटी हस्तक्षेप के माध्यम से सहकारिता को सुदृढ़ बनाना” के अंतर्गत सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार कार्यालय के कंप्यूटरीकृत परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी. इस परियोजना पर 3.68 करोड़ रुपये की लागत आएगी. जिसमें से 60% राशि केंद्र सरकार और 40% राशि राज्य सरकार द्वारा लगायी जाएगी.
मध्य प्रदेश राज्य मंत्रिमंडल के फैसलों के बारे में विस्तार से जानने के लिए देखिए ये वीडियो।।