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विधानसभा चुनाव 2023: क्या चाहती है रीवा की जनता?

रीवा की जनता

मध्यप्रदेश में लोकतंत्र के पर्व यानी विधानसभा चुनाव की तैयारी जोरों पर हैं. एक तरफ बाज़ार में दीपावली की धूम है तो दूसरी ओर 17 नवंबर के लिए राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं. यही वो मौक़ा है जब उम्मीदवार लुभावने वादे लेकर जनता के बीच जाते हैं, उन्हें मनाते हैं. चुनावी तैयारियां देखते हुए विंध्य फर्स्ट की टीम भी जनता की बीच  उनकी समस्याएं, विधायक से उनकी उम्मीदों और उनकी ज़रूरतों को जानने के लिए पहुंची.

रीवा के वार्ड क्रमांक-2 की जनता के सबसे बड़े मुद्दे महंगाई, बेरोजगारी, पलायन और गरीबी हैं, जिसने उन्हें पूरी तरह तोड़कर रख दिया है. विंध्य में वो सबकुछ है जिससे इस क्षेत्र का विकास हो सकता है, यहां के लोगों को रोज़गार मिल सकता है, शिक्षा के बेहतर अवसर मिल सकते हैं उसके बावजूद यहां के लोग मूलभूत ज़रूरतें पूरी करने के लिए परेशान हैं.

जनता का कहना है कि प्रदेश की वर्तमान सरकार ने ख्वाब दिखा कर शहर के संसाधनों का केवल दोहन किया है. राशन से लेकर सब्ज़ी तक सबकुछ महँगा हो गया है. गैस सिलेंडर तो अब 1200 रुपए का मिलने लगा है. क्षेत्र में बेरोज़गारी इतनी बढ़ गई है कि युवा काम ना मिलने की वजह से डिप्रेशन में जा रहे हैं या फिर मेडिकल नशे में डूबे हुए हैं.

जिस विंध्य की बिजली से देश के कई हिस्से रोशन हैं वहां लोग बिजली के बिल से परेशान हैं. लोगों कि शिकायत है कि जिन घरों में फ्रिज, टीवी एसी जैसे कोई उपकरण नहीं हैं, वहां बिजली का बिल 50-50 हजार रुपए आ रहा है. प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह बिजली बिल में रियायत की घोषणा भी कर चुके हैं, फिर भी जनता को कोई राहत नहीं मिली है. बिजली विभाग के बाबू का कहना है कि मुख्यमंत्री ऐसी घोषणाएं करते ही रहते हैं.

रोज़गार को लेकर लोगों का कहना है कि पिछले 20 सालों में कोई इंडस्ट्री नहीं स्थापित की गई. यही वजह है कि घर के बच्चे नौकरी की तलाश में क्षेत्र से बाहर जा रहे हैं. जनता का कहना है कि बीजेपी का शासन प्रदेश में 20 साल से है और अब बदलाव जरूरी है.

रीवा की जनता और क्या चाहती है अपनी सरकार से ये जानने के लिए पूरा वीडियो देखें