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रीवा विधानसभा के निपनिया इलाके में आज भी नदी से पीने का पानी भरते हैं लोग

जब-जब चुनाव आते हैं नेताओं को जनता की याद सताने लगती है. सभी पार्टियों के उम्मीदवार जनता के बीच वोट मांगने के लिए तरह-तरह के लुभावने वादे लेकर पहुंच जाते हैं, लेकिन क्या वाक़ई चुनाव होने के बाद ये वादे पूरे होते हैं. ये जानने के लिए विंध्य फ़र्स्ट की टीम मध्यप्रदेश की रीवा विधानसभा के निपनिया इलाक़े में पहुंची.

यहां से विधायक हैं राजेन्द्र शुक्ला. विकास पुरुष कहे जाने वाले राजेन्द्र शुक्ला पिछले चार बार से विधायक हैं और अब लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री भी हैं. इनके विभाग की ज़िम्मेदारी है प्रदेश के हर नागरिक को स्वच्छ पीने योग्य पानी मिल सके. राजेन्द्र शुक्ला अपने विकास कार्य गिनाते नहीं थकते हैं लेकिन उनकी ही विधानसभा (वार्ड क्रमांक 1 निपनिया) में लोग साफ़ पानी के लिए तरस रहे हैं.

यहां के रहनेवाले लोगों ने बताया कि दिनभर में केवल 10 मिनट के लिए पानी आता है. इस 10 मिनट में पूरे परिवार की दिनभर की सभी ज़रूरतों के लिए पानी भर पाना मुश्किल है. इतना ही नहीं जो पानी घर के नलों से आता है वह भी साफ नहीं रहता. उसमें गंदगी, बदबू और सफ़ेद झाग साफ़ नज़र आता है. महीने में कम से कम 15 दिन नल से ऐसा पानी आता है कि उसे किसी काम में नहीं लिया जा सकता है. जब नल से ऐसा पानी आता है तो लोग ऐसे घरों से पानी लाते हैं जहां बोरिंग की सुविधा हो या फिर नदी से पानी लाते हैं. 

यहां 50 प्रतिशत घरों में पीने का साफ़ पानी नहीं मिल रहा है. गंदे पानी की वजह से बच्चों का स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है. लोगों का कहना है कि कई बार शिकायत भी की है लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है. 

मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरस रहे हैं लोग
क्षेत्र में बुनियादी सुविधाएँ जैसे पीने के स्वच्छ जल के अलावा, सड़क, नाली, बिजली की सुविधा भी नहीं है. सड़कें इतनी संकरी हैं कि चार पहिया वाहन निकले तो ट्रैफिक लग जाता है. नाली की सुविधा न होने की वजह से गंदा पानी सड़कों पर जमा रहता है जिससे कई तरह की बीमारी का ख़तरा बढ़ जाता है. यहां की जनता बेरोज़गारी और महंगाई की मार से भी परेशान है.  

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