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Media Scan: 4 नवंबर की मुख्य खबरें हैं SGMH में मरीज बेहाल, रिश्तों पर भारी सियासत

SGMH में मरीज बेहाल

विधानसभा चुनाव 2023 रिश्तों पर भारी सियासत का चुनाव बन गया है. सियासी डगर पर न कोई अपना होता है न ही पराया. कब कौन अपने हो जाए और कब कौन बेगाने, ये हालात तय करते हैं. इस बार के विधानसभा चुनाव में कुछ ऐसी ही बानगी नजर आ रही है. कुर्सी के मोह में खून के रिश्ते तक दांव पर लग जाते हैं. जिसमें विंध्य क्षेत्र से देवतालाब विधानसभा और धौहनी विधानसभा सीट शामिल हैं.

देवतालाब विधानसभा में चाचा-भतीजा के बीच सियासी जंग छिड़ी हुई है. देवतालब विधानसभा इसलिए भी रुचिकर है क्योंकि बीजेपी से चाचा गिरीश गौतम विधानसभा अध्यक्ष तो वहीं कांग्रेस से जिला पंचायत सदस्य पद्मेश गौतम को मैदान में उतार दिए हैं इनके परिवार में जमकर टसल ठनी हुई है. सीधी जिले के धौहनी विधानसभा सीट पर भाजपा फूफा कुंवर सिंह टेकाम तो वहीं कांग्रेस ने कमलेश कुमारी को मैदान में आमने-सामने हैं.

दूसरी ख़बर स्वास्थ्य को लेकर है जहां संजय गांधी स्मृति चिकित्सालय में आए दिन लापरवाही और तानाशाही ही खबरें सामने आती रहती हैं. विंध्य क्षेत्र का सबसे बड़े अस्पताल में मरीजों को ढेरों परेशानियों से जूझना पड़ता है. आलम कुछ ऐसा यहां मरीजों को यहां सुविधाओं के नाम पर केवल धक्का और ठोकरें मिलती हैं. स्ट्रेचर की बात तो दूर बेड भी मरीजों को नसीब नहीं होते. परिजन मरीजों को कंधों पर ढो रहे हैं.

वार्ड बॉय की केवल कागजों पर ही अपनी सेवा देते हैं. जबकि सरकार इनके ऊपर करोड़ों रुपए फूंकती है अस्पताल की व्यवस्था को तब ये हालत है. यहां अगर कोई सबसे अधिक परेशान हो रहा तो वो है गरीब जिनके पास न तो पैसे होते और न ही वीआईपी के चहेते होते हैं इसलिए इनको दिन दिन भर पर्ची काउंटर में लंबी कतार lga कर खड़े रहना पड़ता है.

अगली खबर सतना जिले के उचेहरा से है जहां पर पिछले एक साल पहले उचेहरा में बाईपास नागौद मार्ग पर करोड़ों की लागत से पुल का निमार्ण हुआ. लेकिन वो पुल एक साल का बरसात भी नहीं झेल सकी. इस पुल की हालत ऐसी हो गई कि चारों तरफ नुकीले लोहे के रॉड दिखने लगे जिसमें अक्सर दो पहिया वाहन चालक फंसकर गिर जाते हैं.

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