पहली खबर ऊर्जाधानी सिंगरौली जिले से है. सिंगरौली औद्योगिक क्षेत्र होने के नाते लोगों को प्रदूषण संबंधी समस्या से रूबरू होना पड़ रहा है. सड़क मार्ग से कोल परिवहन किए जाने के कारण सड़क में भारी मात्रा में धूल उड़ती है. सड़कों पर कोल की चादरें बिछी हैं.एनसीएल सफाई के नाम पर सिर्फ कोरमपूर्ति कर रहा है. इधर प्रदूषण नियंत्रण विभाग की जिले में बढ़ते प्रदूषण को लेकर गंभीर नहीं दिखाई दे रहा है. प्रदूषण नियंत्रण विभाग सिंगरौली के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी कुंभकरण की निद्रा में सो रहे हैं. साथ ही लोग आए दिन दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं. पर प्रशासन मूकदर्शक बन बैठा है. इस गंभीर समस्या को लेकर लोगों में काफी आक्रोश भी दिखाई दे रहा है. अब अगर बैढ़न की बात की जाए तो यहां की सड़कों पर कोल की चादरें और भारी वाहनों के पहिए से उड़ती काली धूल का ख्याल आता है. अगर आप गमछे से चेहरे को ढके हैं तो आपका गमछा काला हो जाता है.
आसपास के क्षेत्र में कोल माइंस हैं. लेकिन उनका भी कुछ उपचार होना चाहिए. नहीं तो लोग बड़ी बड़ी बीमारी की चपेट आ जायेंगे. यहां लोगों को सांस लेने में और कहीं आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं राहगीरों का कहना है कि कोयले से लड़े हाईवे सड़क मार्ग से परिवहन होने से आने-जाने में काफी दिक्कत होती है. जिस कारण बीमारी होने का भी खतरा बना रहता है प्रशासन को कुछ इंतजाम करना चाहिए. अन्यथा धूल की वजह से लोग आए दिन दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं साथ ही कई गंभीर बीमारियों की चपेट में भी आ जाते हैं. लेकिन प्रशासन तो बिल्कुल सुस्त दिखाई दे रहा है.
अगली खबर नर्सिंग कॉलेज में सीबीआई छापे की है प्रदेश के नर्सिंग कॉलेज में विभिन्न प्रकार की धांधली के सिलसिले में शुक्रवार को सीबीआई की टीम रीवा मेडिकल कॉलेज पहुंची. टीम ने शासकीय नर्सिंग कॉलेज पहुंचकर जांच शुरू कर दी है. इसके अलावा जिले के अन्य नर्सिंग कॉलेज में भी टीम द्वारा जांच किए जाने की जानकारी सामने आ रही है. सीबीआई की दबिश से हड़कंप मच गया. गौरतलब है कि बिना मूलभूत सुविधाओं के संचालित हो रहे नर्सिंग कॉलेज और उन्हें दी गई मान्यता के मामले में हर नर्सिंग कॉलेज की जांच पर सीबीआई को तीन माह में रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश करने का निर्देश है.
इस संबंध में हाईकोर्ट जबलपुर की युगल पीठ ने सीबीआई को आदेश दिए हैं. जिसके चलते यह जांच की जा रही है. मिली जानकारी के अनुसार जिले में संचालित नौ प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज सीबीआई के निशाने पर रहे. डेढ़ माह पूर्व भी सीबीआई टीम यहां आई थी और कुछ नर्सिंग कॉलेज की जांच की थी. सूत्रों की माने तो दो दिन पहले फिर एक टीम आई और जांच शुरू की.
वहीं सतना लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत आने वाले मध्य प्रदेश के नौ नर्सिंग कॉलेज अब चिकित्सा शिक्षा विभाग के हवाले कर दिए गए हैं आयुक्त चिकित्सा शिक्षा ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है हालांकि इस स्थानांतरण के बाद नर्सिंग छात्रों की शैक्षणिक व्यवस्था में किसी प्रकार का बदलाव नहीं होगा.
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