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Media Scan : 3 नवंबर की मुख्य खबरों में है चुनाव में नामांकन वापसी और गढ़ी में पहाड़ों के बीच बसे गांव में मूलभूत सुविधाओं का अभाव

विधानसभा चुनाव 2023 में रीवा जिले की 8 सीटों से कुल 116 प्रत्याशी मैदान में हैं. नामांकन दाखिला करने वालों की कुल संख्या 138 थी लेकिन 14 अभ्यर्थीयों के नामांकन फार्म अवैध पाए गए जिसके बाद कुल 121 प्रत्याशी ही बचे. इनमें से 5 उम्मीदवारों ने अपना पर्चा वापस ले लिया. जिन विधानसभाओं में पर्चा वापस हुआ उनमें सेमरिया विधानसभा से एक, मनगवां विधानसभा में दो, रीवा में एक और गुढ़ विधानसभा से भी एक उम्मीदवार शामिल हैं. रीवा जिले की गुढ़ विधानसभा में प्रत्याशियों की संख्या सबसे अधिक है इसलिए गुढ़ विधानसभा के सभी मतदान केंद्रों में दो ईवीएम मशीनें लगेंगी.


चुनावी समय में जहां एक ओर नेताओं के बड़े बड़े वादे होते हैं वहीं दूसरी ओर देखा जाए तो आज़ादी के 74 साल बीत गए लेकिन उसके बाद भी रीवा जिले की त्यौंथर तहसील के मुरली गांव में आज भी लोगों को 4 किलोमीटर तक पैदल पहाड़ चढ़ कर जाना पड़ता है. इस गांव में लगभग 74 घर की बस्ती है. यहां 250 से अधिक मतदाता हैं लेकिन आज भी इस गांव में विकास कोषों दूर है. सड़क की तो ये हालत है कि बिजली, शौचालय और गैस तो यहां के लिए सपने जैसा है. जब भी चुनाव आते हैं इस गांव को ढूंढ लेना पार्टियों के लिए बेहद आसान है.वह कई वादे भी करते हैं लेकिन चुनाव के बाद 5 साल तक कोई दिखाई नहीं देता है.


अगली खबर सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर है. सेहत के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक सबसे अधिक खतरनाक साबित हो रहा है. इसके इस्तेमाल पर भले ही प्रतिबंध लगा हो, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. प्रतिबंध के बावजूद यह धड़ल्ले से बाजार में बिक रही है लेकिन उसके बाद प्रशासनिक अमला कोई भी ज़िम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं. प्लास्टिक बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाती है. सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन किए हुए लगभग एक साल हो गए लेकिन ये आदेश केवल कागजों तक ही सीमित रह गया है.

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