बघेलखंड की मशहूर दाल की पूड़ी मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश में भी बड़े चाव के साथ खाई जाती है. चने की दाल और गेहूं के आटे से मसाले दार पूड़ी बनाई जाती है. इसमें काफी कम तेल का इस्तेमाल किया जाता है. यह महाराष्ट्र में बनने वाली पूरन पोली की तरह ही होती है लेकिन मीठी नहीं होती और इसमें गेहूं के आटे का इस्तेमाल होता है. विंध्य में दाल पूड़ी को अमावट के पने के साथ खाया जाता है. गर्मी के सीज़न में कटहल की सब्जी के साथ स्वाद का ज़ायका और बढ़ जाता है. दाल पूड़ी आसानी से घर में भी बनाया जा सकता है. अगर इस देसी खाने के मसाले और इसके साथ खाई जाने वाली टमाटर की चटनी बनाने के लिए सिलबट्टे का इस्तेमाल किया जाए तो इसका स्वाद और भी ज़्यादा बढ़ जाता है.
आईए जानते हैं बघेलखंड की मशहूर दाल पूड़ी बनाने की रेसिपी-
1- चने की दाल को साफ कर कुकर में 3 सीटी लगने तक पका लें.
2- अब गेहूं का नरम आटा गूथ लें और ढँककर रख दें.
3- अमावट का पना बनाने के लिए अमावट को गर्म पानी में भिगोकर रख दें. कई जगह अमावट को आम पापड़ भी कहते हैं.
4- दाल पकने के बाद कुकर से पानी और दाल को छान लें.
5- तवे को गर्म कर धनिया, जीरा, हींग को भून लें.
6- सिलबटे में भुने हुए मसालों को पीस लें और उबली हुई दाल को भी पीस लें.
7- पीसी हुई दाल में हल्दी, नमक और पिसे हुए मसाले अच्छे से मिक्स कर लें.
8- साथ ही सिलबट्टे में पिसी धनिया पत्ती, हरी मिर्ची और लहसुन का पेस्ट भी पिसी हुई दाल में मिला दें डाल दें.
9- अब लोई बनाकर दाल भर लें और पूड़ी बेल लें.
10- आप चाहें तो बेली हुई पूडियां कड़ाही में पूरी की तरह सेंक सकते हैं या फिर इसे पराठे की तरह सेंक कर भी खा सकते हैं.
11- अब अमावट में शक्कर डालकर अच्छी तरह से मिक्स कर लें.
12- गर्मागरम दाल पूड़ी को अमावट के पने के साथ सर्व करें.