रीवा जिले के कलेक्ट्रेट (Rewa Collectorate) कार्यालय में इन दिनों पीने के पानी की किल्लत (Water Crises) है. रीवा कलेक्ट्रेट में इतने सालों से सिर्फ एक वाटर कूलर (Water Cooler) लगा है जो इन दिनों गर्म पानी फेंक रहा है. रीवा की जनता अपने हर छोटे बड़े काम के लिए कलेक्ट्रेट आने को मजबूर है. लेकिन इस चिलचिलाती धूम में उसे पीने का पानी भी नसीब नहीं है. दरअसल, जिले की जनता की समस्याओं को सुलझाने वाला कलेक्ट्रेट कार्यालय खुद की ही समस्या में उलझा हुआ दिखाई दे रहा है.
मिली जानकारी के मुताबिक कलेक्ट्रेट परिसर में लगा इकलौता वाटर प्यूरीफायर कम वाटर कूलर एक महीने से खराब है. ऐसे में यहां आने वाले लोगों को ठंडा पानी नसीब नहीं हो रहा है. मजबूरी में उन्हें ठंडे पानी की बोतलें खरीदनी पड़ रही हैं. कलेक्ट्रेट परिसर में काम करने वाले कर्मचारियों का भी यही हाल है. कर्मचारियों को खुद ही अपना पानी लाना पड़ता है, जबकि कई कर्मचारी चंदा करके पानी की केन मंगा कर काम चला रहे हैं.
मामले की जानकारी के बाद भी नहीं हो रहा ठीक
जब तक इस वॉटर कूलर को ठीक नहीं कर लिया जाता है, तब तक के लिए पानी की वैकल्पिक व्यवस्था की जानी थी. लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा. इस बात की जानकारी कार्यालय प्रमुख को भी दी गई है लेकिन उनका इस ओर कोई ध्यान नहीं जा रहा है. हालांकि ज्वाइंट कलेक्टर पी के पांडे ने कहा है कि जल्द ही इस वाटर प्यूरीफायर कम वाटर कूलर को ठीक करा लिया जाएगा.
ट्यूबवेल का खारा है पानी
कलेक्ट्रेट परिसर में पानी की जरूरत पूरा करने के लिए ट्यूबवेल भी लगा है. लेकिन इसका पानी इतना खारा है कि गले के नीचे ही नहीं उतरता है. अगर कोई व्यक्ति इस पानी को लगातार 15 दिन पी ले तो उसे पथरी होना तय है इसलिए कलेक्ट्रेट कार्यालय के कर्मचारी बोर का पानी पीने से डरते हैं.
मीठे पानी की भी है सप्लाई
कलेक्ट्रेट परिसर में मीठे पानी की सप्लाई भी की जाती है. पीएचई का जल आपूर्ती विभाग रीवा कलेक्ट्रेट परिसर को पर्याप्त पानी उपलब्ध करवाता है. इस पानी को यहां के संप हाउस में एकत्र करके कलेक्ट्रेट परिसर की जरूरतों को पूरा किया जाता है.