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लोकसभा चुनाव 2024: सतना सांसद का दावा, रोजगार देने के लिए हो रहे हैं प्रयास, किसी मामले में सतना नहीं है पीछे 

सतना सांसद गणेश सिंह का दावा

सतना लोकसभा सीट से बीजेपी ने अपने पुराने प्रत्याशी पर ही भरोसा किया. चार बार से सांसद रहे गणेश सिंह को पांचवी बार टिकट दिया गया. गणेश सिंह 2023 के विधानसभा चुनाव के उन बड़े चेहरों में से एक हैं जिन्हे सांसद रहते हुए विधानसभा का टिकट मिला था, लेकिन गणेश सिंह को हार का सामना करना पड़ा था. सांसद को कांग्रेस के जिस उम्मीदवार की वजह से विधानसभा में हार का सामना करना पड़ा था इसबार लोकसभा में भी उनसे ही मुकाबला होगा. लोकसभा में कांग्रेस ने सतना से वर्तमान विधायक को टिकट दिया है. जिसकी वजह से इस सीट पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. 

सवाल: साल 2023 के विधानसभा चुनाव में हार की क्या वजह थी?
जवाब: विधानसभा में हार की समीक्षा की गई, जिसमें पता चला कि शहरी  क्षेत्र है और लोगों की उम्मीद होती है कि उम्मीदवार उनके पास जाएं, उनसे मिले. साथ ही कुछ इस तरह का वातावरण भी बना दिया कि कांग्रेस की सरकार आ रही है. इस वजह से थोड़ी सी कमी रह गई. 

सवाल: कार्यकर्ताओं को ये क्यों कहना पड़ा कि बूथ जीतने के लिए साम-दाम-दंड-भेद-अस्त्र-शस्त्र जो भी करना पड़े करो? क्या ये सोच बनी हुई है कि चुनाव जीतने के लिए कुछ भी करना पड़े करो.
जवाब: मेरा स्टेटमेंट पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीचे का था कि चुनाव जीतने के लिए लोगों के बीच सरल संपर्क बनाना है. अस्त्र और शस्त्र के मामले में मेरा कहना स्पष्ट है कि नरेंद्र मोदी जी की जनकल्याणकारी योजनाएं. शस्त्र है विकसित भारत बनाने का. साम-दाम-दंड-भेद तो आमतौर पर आदमी कहता ही है कि लोगों के बीच जाइए, हाथ जोड़िए. 

सवाल: लोगों का आरोप है कि रीवा के मुकाबले सतना में डेवलपमेंट नहीं दिखता, ऐसा क्यों?
जवाब: भारतीय जनता पार्टी में कोई किसी जिले से वर्सेज नहीं होता, हमारी पार्टी और हमारी सरकार की समग्र विकास की योजना है. रीवा संभाग है इसलिए पहले से डेवलप है. सबसे पहले इंडस्ट्री सतना में आई. यहां विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन बन रहा है. सतना स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में है. मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि किस दृष्टिकोण से लोग कह रहे हैं कि सतना पीछे है. 

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