रीवा जिले की सिरमौर विधानसभा क्षेत्र में सियासी पारा चढ़ा हुआ है. भाजपा ने दिव्यराज सिंह को प्रत्याशी बनाया है. एससी वोट को अपने तरफ खींचने के लिए कांग्रेस ने बड़ा दांव रामगरीब कोल को प्रत्याशी बनाकर खेला है. सिरमौर विधानसभा से युवराज और रामगरीब आदिवासी आमने-सामने हैं.
सिरमौर विधानसभा सीट में पिछले 10 सालों से भाजपा का कब्जा है. युवराज दिव्यराज सिंह दो बार से सिरमौर विधानसभा के विधायक हैं. कांग्रेस ने रामगरीब आदिवासी को उम्मीदवार बनाया है. विधायक दिव्यराज सिंह सबसे कम उम्र के विधायक हैं. विधायक दिव्यराज ने विंध्य फर्स्ट को दिए इंटरव्यू में कहा कि सिरमौर की जनता ने विकास को चुना है. हमने सिरमौर में विकास के लिए हर संभव प्रयास किया है. कांग्रेस के समय में गड्ढे, लूटमार होती थी. भाजपा ने निजात दिलाया. सिरमौर विधानसभा में दस सालों से अराजकता खत्म करने का काम किया है. सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत समस्या बनी रहती थी, मगर जब से भाजपा की सरकार आई तब से सारी सुविधाएं मिल रही हैं.
रीवा के युवराज दिव्यराज सिंह ने दावा किया है कि सिरमौर में बच्चों की शिक्षा के लिए स्कूल और कॉलेज की बेहतर व्यवस्था की है. क्षेत्र के विकास के लिए उन्होंने कई काम किए हैं और ये विकास कार्य आगे भी लगातार जारी रहेंगे. पढ़िए इस इंटरव्यू के कुछ ख़ास सवाल-जवाब
सवाल: चुनाव की तैयारी कैसी है, क्या माहौल है?
जवाब: मध्यप्रदेश और देश में मोदी जी के नेतृत्व में ख़ुशी का माहौल है. हमारा देश एक गौरवशाली और विकसित देश के रूप में परिवर्तित हो रहा है. सिरमौर विधानसभा में हमने पिछले 10 साल में जनता के सेवा का काम किया है. बिजली, सड़क, स्कूल, शिक्षा की बेहतर व्यवस्था जैसी सारी सुख-सुविधाओं की व्यवस्था सिरमौर में की गई हैं. भारतीय जनता पार्टी के समय बदलाव हुआ है, विकास हुआ है, ये जनता ने देखा है.
सवाल: विंध्य में पलायन और बेरोज़गारी पूरे प्रदेश में सबसे ज़्यादा है, क्या विंध्य उपेक्षित है?
जवाब: आंकड़े कहा के हैं मुझे इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन पलायन आज से नहीं सदियों से चला आ रहा है. मध्यप्रदेश की सरकार ने किसानी पर फ़ोकस किया है, जिससे किसानों की उन्नति हुई है. बिजली और नहर की बेहतर व्यवस्था अगर यहाँ न होती तो किसान भूखों मरते लेकिन अकाल के बावजूद फसलें लहलहा रही हैं. भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल का जनता को फ़ायदा मिल रहा है. हमने ऐसी व्यवस्था की हैं कि युवा शिक्षित हो सकेंगे. इंफ़्रास्ट्रक्चर को डेवलप करने का काम हमने कर दिया है. आने वाले समय में रोज़गार देने का प्रयास करेंगे.
सवाल: विंध्य से बीजेपी को काफ़ी ज़्यादा समर्थन मिला लेकिन मंत्रिमंडल में विंध्य का नेतृत्व कमजोर रहा, उपेक्षा हुई?
जवाब: इसमें उपेक्षा की कोई बात नहीं है, तीन मंत्री थे फिर राजेन्द्र शुक्ला भी मंत्री बने, विधानसभा अध्यक्ष भी थे, इससे ज़्यादा क्या चाहते हैं आप?
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