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CBI के अफसरों ने किया मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों का महाघोटाला, दांव पर लगा हजारों छात्रों का भविष्य

मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में नर्सिंग कॉलेजों (Nursing Collages) की संख्या बहुत हैं. इन नर्सिंग कॉलेजों की जांच देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी CBI ने की. इसमें कई कॉलेजों को Suitable यानी Fit Category की लिस्ट में रखा गया, जो असलियत में नियमों पर खरे नहीं उतरते हैं. नर्सिंग कॉलेजों की जांच में ये घोटाला कैसे हुआ, यह जानना जरूरी है. CBI जांच में मध्यप्रदेश के 169 कॉलेजों को पात्र केटेगरी में रखा गया है. 74 कॉलेजों को deficient की श्रेणी में रखा गया है. यानी जिनमें कमी है और 65 को Unsuitable यानी अपात्र की श्रेणी में रखा गया है.

भोपाल के 33 नर्सिंग कॉलेजों को CBI ने Suitable, 10 को deficient और 6 को Unsuitable पाया गया है. इसी तरह विंध्य के 7 जिलों को मिलकर 13 नर्सिंग कॉलेजों को Suitable की कैटेगरी में रखा गया है. और 6 को Unsuitable की कैटेगरी में रखा गया है. रीवा के 2 कॉलेजों को Suitable और 2 को Unsuitable में रखा गया है. सतना के 5 नर्सिंग कॉलेजों को Suitable की कैटेगरी में रखा गया है. सीधी के 2 नर्सिंग कॉलेजों को Suitable बताया गया, शहडोल में 3 को Suitable और 2 को Unsuitable की कैटेगरी में रखा गया है. उमरिया और अनूपपुर 1-1 नर्सिंग कॉलेज को Unsuitable की कैटेगरी में रखा गया है.

हालांकि जब इसकी पड़ताल की गई तो कॉलेजों की हकीकत पूरी उलटी मिली. ये कॉलेज न सिर्फ किराए की बिल्डिंग में संचालित हो रहे थे. यहां नर्सिंग होम भी नहीं हैं. इसके बावजूद इन्हें Suitable और deficient कैटेगरी में रखा गया है. जिन कॉलेजों को Suitable के नाम पर क्लीन चिट दी गई है, उनमें से भी कई में पर्याप्त फैकेल्टी नहीं हैं. कई कॉलेजों में ना तो स्टूडेंट्स हैं और न ही इंफ्रास्ट्रक्चर हैं. ट्रेनिंग के लिए हमीदिया अस्पताल के ऊपर भी कई कॉलेज निर्भर हैं. लेकिन हकीकत ये है कि, हमीदिया भी deficient की List में है. यहां स्टॉफ की कमी है और लैब के साथ लाइब्रेरी का भी काम पूरी नहीं हो पाया है.

खास बात यह है कि CBI ने जिन कॉलेजों को Suitable की लिस्ट में रखा गया था उन्हें मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर ने मान्यता देने से ही इंकार कर दिया है. जबकि CBI को ये भी देखना था कि, आदिवासी बाहुल्य इलाकों में संचालित हो रहे कॉलेजों से हॉस्पिटल की दूरी 30 किमी. से ज्यादा नहीं हो सकती है. जबकि प्रदेश में कई जगहों पर 50 से 70 किमी. दूर वाले स्थानों पर संचालित हो रहे हैं.

नर्सिंग कॉलेजों का क्या है नया नियम

1. 900 वर्गफीट का लेक्चर हॉल केवल 60 छात्रों के लिए. कॉलेज अब 8000 वर्ग फीट में भी संचालित हो सकता है.

2. नर्सिंग फाउंडेशन प्रयोगशाला के लिए सिर्फ 900 वर्ग मीटर जिसमें मिडवाईफ एंड चाइल्ड हेल्थ और न्यूट्रिशन भी शामिल हैं.

3. 20 छात्र पर एक असिस्टेंट प्रोफेसर और टीचर.

4. नए नियम में मल्टीपरपज हॉल को हटा दिया गया है.

5. अब सिर्फ Bio से 12वीं पास करने वाले ही ANM नर्सिंग और GNM नर्सिंग का डिप्लोमा कर सकते हैं.

जांच अधिकारी को किया गया बर्खास्त
नर्सिंग कॉलेजों से रिश्वत लेकर उन्हें सूटेबल यानी परफेक्ट बताने वाली सीबीआई की गैंग के लीडर रहे इंस्पेक्टर राहुल राज को गृह मंत्रालय ने बर्खास्त कर दिया है. हैरान करने वाली बात यह है कि राहुल राज को व्यापमं महाघोटाले से जुड़े कई ख़ास केसेस की जांच भी सौंपी गई थी. ऐसे में इस बात की भी अंदरूनी जांच होगी कि क्या राहुल ने पहले के केसों में भी किसी को फायदा पहुंचाया है.

कुल 23 आरोपियों की थी वसूली गैंग
बता दें कि इंस्पेक्टर राहुल राज ने नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने के लिए पूरी वसूली गैंग बना ली थी. खुलासा होने के बाद CBI की reputation ख़राब हुई जिससे सीबीआई की विजिलेंस टीम को जैसे ही राहुल के खिलाफ पुख्ता सबूत हाथ लगे उसने छापा मारने में देरी नहीं की. नर्सिंग कॉलेज घोटाले की जांच में जुटे CBI के 2 इंस्पेक्टर समेत 13 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में कई खुलासे हो रहे हैं. कुल 23 आरोपी अभी तक सामने आये हैं. आरोपी फिलहाल CBI सभी आरोपियों को पूछताछ के लिए दिल्ली लेकर गई है. इससे पहले 13 में से 12 आरोपियों को रविवार और सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया. जहां से आरोपियों को 29 मई तक रिमांड पर भेजा गया.

30 हजार बच्चों का करियर दांव पर
कथित व्यापमं घोटाले के लिए फ़ेमस रहे मध्यप्रदेश में नर्सिंग घोटाले की जांच में CBI के इस एक्शन से MP में नर्सिंग की शिक्षा भी सवालों के घेरे में है. 2022 से लगभग बंद पड़े इन कॉलेजों के 30 हजार से अधिक बच्चों ने हाई कोर्ट (High Court) के आदेश के बाद हाल ही में परीक्षाएं दी हैं. अब ये बच्चे भी अपने करियर को लेकर परेशान हैं.