सतना के बेटे और मध्यप्रदेश के अंतरराष्ट्रीय कूडो चैंपियन प्रतीक सिंह ने एक बार फिर अपने कौशल और समर्पण से देश का नाम रोशन किया है. कूडो वर्ल्ड कप 2025, जो इस वर्ष बुल्गारिया, यूरोप में आयोजित होने जा रहा है, उसमें प्रतीक ने भारतीय टीम में स्थान प्राप्त कर लिया है. इस मौके पर हमने प्रतीक सिंह से खास बातचीत की और उनकी प्रेरणादायक यात्रा को जाना.
सूरत में शानदार प्रदर्शन, बुल्गारिया की उड़ान तय
8-9 फरवरी को सूरत के इंडोर स्टेडियम में आयोजित कूडो वर्ल्ड कप 2025 के ट्रायल्स में देशभर के राष्ट्रीय चैंपियनों के बीच प्रतीक सिंह का प्रदर्शन सबसे अलग रहा. उन्होंने दमदार प्रदर्शन करते हुए जूरी और दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींचा और भारतीय टीम में अपनी जगह सुनिश्चित की.

खेल और नौकरी का संतुलन, अनुशासन ही सफलता की कुंजी
वर्तमान में प्रतीक सिंह आयकर विभाग, मुंबई में कार्यरत हैं. लेकिन नौकरी की व्यस्तता के बावजूद उन्होंने अपने खेल के साथ कोई समझौता नहीं किया. “डेली रूटीन में अनुशासन सबसे जरूरी है. सुबह की ट्रेनिंग, ऑफिस और फिर शाम को प्रैक्टिस – यही मेरी दिनचर्या है,” वे मुस्कुराते हुए कहते हैं.
देश के लिए खेलने का गर्व
प्रतीक अब तक कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और कई मेडल भी जीत चुके हैं. उनका लक्ष्य अब कूडो वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीतना है. वे कहते हैं, “हर बार जब मैं तिरंगे के साथ रिंग में उतरता हूं, वो पल सबसे गर्व भरा होता है.”

युवाओं को संदेश
प्रतीक का युवाओं को सीधा संदेश है – “अगर किसी चीज़ को दिल से चाहते हो और मेहनत करने का हौसला रखते हो, तो कोई भी मुकाम दूर नहीं. खेल सिर्फ करियर नहीं, यह एक जीवनशैली है.”
प्रतीक सिंह की कहानी सिर्फ एक खिलाड़ी की नहीं, बल्कि समर्पण, अनुशासन और आत्मविश्वास की मिसाल है. उनके इस सफर से निश्चित ही अनेक युवा प्रेरणा लेंगे. कूडो वर्ल्ड कप 2025 में हम उन्हें जीत की शुभकामनाएं देते है.