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डीपफेक का शिकार हुए भारतीय पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर जानिए क्या है डीपफेक?

भारतीय पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर

भारत में पिछले काफी दिनों से डीपफेक वीडियो खूब चर्चा में हैं. जिसमें बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन और एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना के डीपफेक वीडियोज तेजी से वायरल हुए. वहीं अब डीपफेक की इस लिस्ट में पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का नाम भी शामिल हो गया है.

सचिन तेंदुलकर ने खुद इसकी जानकारी अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर शेयर की है. सोमवार को फर्जी वीडियो पर बल्लेबाज़ी के उस्ताद ने X पर एक क्लिप में चिंता ज़ाहिर की, जिसमें तुरंत पैसा देने का वादा करने वाले एक सस्पीशियस गेमिंग ऐप को बढ़ावा देने के लिए उनकी आवाज़ और उनके चेहरे का इस्तेमाल किया गया है.

सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो में रियल सचिन तेंदुलकर को बड़ी आसानी से पैसा कमाने में मदद करने के लिए ऐप की प्रशंसा करते हुए दिखाया गया है. इतना ही नहीं, इसके अलावा वीडियो में सचिन ऐप को अपनी बेटी का मंच बताते हुए दिख रहे हैं, यानी उनकी बेटी इस ऐप का इस्तेमाल करती हैं.

AI से बनाई क्लिप में तेंदुलकर को “स्काईवर्ड एविएटर क्वेस्ट” नाम के एक ऑनलाइन गेम के बारे में विज्ञापन करते हुए दिखाया गया, वीडियो में बताया गया कि, ये गेम खेलकर यूज़र हर दिन 1,80,000 रुपये तक कमा सकते हैं.

X पर ट्वीट कर वीडियो को मनगढ़ंत बताकर खारिज करते हुए तेंदुलकर ने बड़े पैमाने पर टेक्नोलॉजी दुरुपयोग के बारे में चिंता ज़ाहिर की. आगे उन्होंने लिखा, “ये वीडियो फर्जी है.  टेक्नोलॉजी का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग दिख रहा है, जो परेशान करने वाला है.” उन्होंने अपने फॉलोवर्स से ऐसी फेक चीजें- ‘वीडियो, विज्ञापन और ऐप्स – की सभी से तुरंत रिपोर्ट करने का आग्रह किया. साथ ही उन्होंने कहा, “सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को शिकायतों के लिए सतर्क और उत्तरदायी होने की जरूरत है. गलत सूचना और डीपफेक के प्रसारण को रोकने के लिए उनकी ओर से जल्द कार्रवाई महत्वपूर्ण है.” उन्होंने तेजी से रिफाइंड डिजिटल हेरफेर के सामने सतर्कता बढ़ाने के लिए प्लेटफार्मों की ज़रूरत पर ध्यान केंद्रित किया है.

सचिन की पोस्ट का असर बनेगा कड़ा कानून

सचिन तेंदुलकर की पोस्ट के कुछ घंटों बाद, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने जागरूकता बढ़ाने के लिए आभार व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया X का सहारा लिया और ट्वीट कर कड़ी कार्रवाई की बात कही है. उन्होंने कहा AI से जनरेटेड डीपफेक और गलत सूचनाएं भारतीय यूजर्स की सुरक्षा और विश्वास के लिए खतरा हैं, जिन्हें प्लेटफार्मों को रोकना और हटाना होगा,” साथ ही मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजिस अधिनियम के तहत सख्त नियम जल्द ही अधिसूचित किए जाएंगे, जिसमें भारत में संचालित ऑनलाइन प्लेटफार्मों से क्लियरिटी के साथ पालन करने की मांग की जाएगी.

रश्मिका मंदाना का डीपफेक

सचिन तेंदुलकर से जुड़ा ये वीडियो पिछले साल एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना से जुड़ी इसी तरह की घटना के मद्देनजर आया था, जहां वीडियो ने डिजिटल सिक्योरिटी को लेकर चर्चा छेड़ दी थी. वीडियो में AI टेक्नोलॉजी से एक इन्फ्लूएंसर के फेस पर बड़ी चालाकी से रश्मिका का चेहरा मोर्फ किया गया था. सोशल मीडिया पर लोगों ने रश्मिका के इस वीडियो को असली समझ लिया, क्योंकि उसमें दिख रहे एक्सप्रेशन बिल्कुल रियल लग रहे थे.

लेकिन यह महिला रश्मिका नहीं जारा पटेल नाम की एक लड़की थी, जिसके चेहरे को बदलकर रश्मिका का चेहरा लगा दिया गया था.

क्या है डीपफेक जिसने मचाया है तहलका

डीपफेक शब्द का पहली बार इस्तेमाल 2017 में किया गया. ‘डीपफेक’ शब्द ‘डीप लर्निंग’ और ‘फेक’ को मिलाकर बना है. इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI और मॉडर्न टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से किसी की रियल फोटो या वीडियो में फेस, ऑडियो और एक्सप्रेशन का नकली जाल इतनी सफाई से तैयार किया जाता है कि, किसी को असली और नकली में फर्क समझ नहीं आता, इसीके जरिए किसी भी व्यक्ति को प्रेजेंट कर लोगों को गुमराह किया जाता है.

दूसरे शब्दों में अगर बात करें तो डीपफेक आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस की एक तकनीक है, जिससे रियल वीडियो में दूसरे के चेहरे को फिट कर फेक वीडियो बनाया जाता है. यह वीडियो दिखने में बिल्कुल ऑरिजनल लगता है, लेकिन असल में ये फेक रहता है. बता दें कि डीपफेक के जाल में बॉलीवुड और स्पोर्ट्स सेलिब्रिटीज के अलावा मीडिया और राजनैतिक हस्तियां फंस चुकी हैं.

IT ने इस महीने रिपोर्ट दी थी कि, सरकार ने सोशल मीडिया और इंटरनेट मीडिएटर्स को चेतावनी दी है कि, डीपफेक पर कार्रवाई न करने पर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नियम 2021 के तहत डीपफेक और यूजर्स को हुई परेशानी पर आईटी नियमों के अलावा भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी की धाराओं के तहत कार्रवाई हो सकती है.