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वकीलों की किन समस्याओं के लिए होता है अधिवक्ता संघ का चुनाव, क्या होती है चुनाव की प्रक्रिया?

अधिवक्ता संघ चुनाव

रीवा जिले में अधिवक्ता संघ का चुनाव कोठी कंपाउंड स्थित जिला एवं सत्र न्यायालय में 01 मार्च को आयोजित किया गया. विंध्य फर्स्ट की ग्राउंड रिपोर्ट में देखिए, कैसे होता है अधिवक्ता संघ का चुनाव? क्यों पड़ती है वकीलों को इस चुनाव की जरूरत? पद पर बैठने वाले पदाधिकारी को क्या मिलता है लाभ?

1 मार्च 2024 को जिला न्यायालय के बाहर वकीलों की काफी भीड़ देखने को मिली. ये वकील अपने संघ के लिए वोट डालने आए हुए थे. इनसे बात करने पर कई जानकारी मिली कि आखिर अधिवक्ताओं का कैसा चुनाव और क्यों है इसकी आवश्यकता?

गठित होती है समिति, सुलझते हैं मसले

अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, सचिव जैसे विभिन्न पदों पर चुनाव हुआ. बताया गया की 6 प्रत्याशी और 5 कार्यकारिणी मिलाकर कुल 11 मेंबर चुने जाते हैं जो अन्य वकीलों की समस्याओं का निराकरण करते हैं. हर 2 वर्षों में अधिवक्ता संघ के विभिन्न पदों पर चुनाव करवाया जाता है. चुनाव के लिए निर्वाचन समिति का गठन होता है. चुनाव की प्रक्रिया पुराने वोटिंग प्रक्रिया के आधार पर होती है यानी बैलट पेपर पर सील से मोहर लगाकर प्रत्याशी चुने जाते हैं. जिन वकीलों की मासिक शुल्क जमा होती है वही वकील इस चुनाव में वोटर होते हैं.

पदाधिकारी को मिलता है लाभ, क्या हैं वकीलों की समस्याएं

अधिवक्ता संघ का चुनाव तो हो गया 2 मार्च 2024 को रिजल्ट आना है. इस चुनाव के माध्यम से जिन्हें पद मिलता है उन्हें अतिरिक्त लाभ भी मिलता है. वकीलों ने बताया कि पदाधिकारी के पास अधिक मुकदमे आते हैं, जिससे उनका व्यवसाय बढ़ता है. रही बात वकीलों की समस्याओं की तो अधिवक्ता संघ का मतलब है अधिवक्ताओं की एकता. वकीलों को होने वाली सामाजिक समस्या या कोई विवादित मसला जिससे वह परेशान हों, वह अपने अध्यक्ष, उपाध्यक्ष अन्य पदों पर बैठे हुए पदाधिकारी से साझा करते हैं और वह उनकी समस्याओं का निवारण करते हैं. रीवा अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष पिछले 10 वर्षों से राजेंद्र पांडे रहे हैं. चुनाव परिणाम के बाद देखा जाएगा कि क्या इस बार भी राजेंद्र पांडे अध्यक्ष के रूप में चुने जाते हैं या नहीं.

अधिवक्ता संघ के चुनाव के बारे में जानने के लिए देखिए ग्राउंड रिपोर्ट